<p>देश में बाहरी देशों से आयात हो रहे सेब ने पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उतराखंड और जम्मू काश्मीर के सेब पर विपरित असर डाला है। एप्पल ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंद्र चौहान ने आज शिमला में पीसी के दौरा बताया कि ऑस्ट्रेलिया, चीन, फ्रांस और न्यूजीलैंड का सेब यहां के सेब पर भारी पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विदेशी सेब एक तो अच्छी किस्म का है दूसरा सस्ता पड़ता है। क्योंकि, हिमाचल में सेब की उन्नत किस्म नहीं है।</p>
<p>नतीज़तन केंद्र सरकार को चाहिए कि सेब पर आयात ड्यूटी बढ़ाई जाए। चौहान ने कहा कि सरकार को नई तकनीक और उन्नत किस्म के सेब पर बल देना चाहिए ताकि, हिमाचल का सेब विदेशी सेब को टक्कर दे सके। यहीं नहीं पहाड़ी प्रदेशों के सेब के लिए सरकार अलग से नीति बनाए।</p>
<p>इसके अलावा मिट्टी की जांच के बाद सेब की किस्म बगीचों में लगाई जाए। सरकार को सेब की फसल को विशेष फसल का दर्जा देना चाहिए। ज्यादा तापमान में पैदा होने वाले पौधों की किस्मों को बढ़ाया जाए, साथ ही सेब में दवाईयों का छिड़काव भी कम हो ताकि यहां के सेब की गुणवत्ता बनी रहे।</p>
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