मकर संक्रांति पर जिला स्तरीय घृत पर्व के आयोजन पर शक्तिपीठ मां बज्रेश्वरी देवी मंदिर में 28 क्विंटल देसी घी श्रद्धालुओं ने चढ़ाया है। पुजारी वर्ग ने 28 क्विंटल देसी घी को मक्खन में बदल दिया है। घी को शीतल जल में 101 धोकर मक्खन बनाया जाता है और कल 14 तारिख को मां को चढ़ाया जाता है।
पुजारियों का कहना है कि मां के आशीर्वाद से घृत पर्व के सभी काम स्वयं हो जाते हैं। घृतमंडल पर्व मकर संक्रांति से लेकर 7 दिन तक चलता है। इस दौरान लोग मंदिर में माता के इसी रूप का दीदार करते हैं। सात दिन बाद इस मक्खन को माता की पिंडी से उतारा जाता है। उसके बाद इसे प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।
मान्यता है कि माता की पिंडी पर मक्खन चढ़ने के बाद यह औषधि बन जाता है। लोग इसे व्याधि या अन्य चर्म रोगों को दूर करने के लिए प्रयोग करते हैं। मंदिर के वरिष्ठ पुजारी पंडित राम प्रसाद ने बताया कि इस मक्खन रूपी प्रसाद से घाव फोड़े आदि पर लगाने से उनका उपचार हो जाता है। प्रदेश सहित अन्य राज्यों के हजारों श्रद्धालू प्रसाद लेने के लिए पहुंचते हैं।
मंदिर सहायक आयुक्त अभिषेक वर्मा ने बताया कि मकर सक्रांति और घृत मंडल पर्व के आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न करवाने के लिए प्रशासन ने तमाम काम पूरे कर लिए हैं। कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के कारण मंदिर परिसर में काम करने वाले प्रत्येक अधिकारी, कर्मचारी और पुजारी वर्ग को कोरोना गाइडलाइन के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को भी कोरोना नियमों का पूरी तरह पालन करना पड़ेगा।