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देवभूमि में असुरक्षित हैं महिलाएं!, 11 साल में बढ़ा महिला अपराध का ग्राफ

डेस्क |

देवभूमि के नाम से जाने जाने वाले हिमाचल में क्या बेटियां सुरक्षित नहीं हैं? ये हम नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश के पिछले 11 साल के आंकड़े कह रहे हैं। आंकड़ों पर नज़र दौड़ाएं तो ये क़हना बिलकुल ग़लत नहीं होगा कि प्रदेश में हर साल अपराधों का ग्राफ़ बढ़ने लगा है। इसमें मुख्यता दुष्कर्म और छेड़छाड़ के मामलों में काफ़ी बढ़ोतरी हुई है।

दैनिक अख़बार के मुताबिक, पिछले 11 वर्ष के आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि यहां साल दर साल अपराधों का ग्राफ बढ़ने लगा है। सुकून वाली बात यह कि हत्या के मामलों में गिरावट आई है, लेकिन दुष्कर्म व छेड़छाड़ के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। ये कुछ आंकड़े अख़बार के मुताबिक…

वर्ष-2011,2012,2013,2014,2015,2016,2017,2018, 2019,2020, 2021
हत्या-34,30,28,40,25,28,29,30,23,30,22
दुष्कर्म-168,183,250,284,244,244,249,345,360,331,328
अपहरण-191,152,288,243,243,191,248,346,334,283,329
छेड़छाड़-329,248,493,519,433,405,403,515,498,539,447
अत्याचार-239,251,328,325,226,214,191,185,229,258,203
कुल अपराध- 1112,1024,1596,1576,1314,1216,1260,1617,1640,1654,1569
नोट : पिछले साल के आंकड़े नवंबर तक 11 माह के हैं।

कोटखाई छात्रा दुष्कर्म एवं हत्या मामला हिमाचल का सबसे चर्चित मामला रहा है। इसमें 2017 में पुलिस ने ही मामला दर्ज किया था, लेकिन एक आरोपित की कोटखाई के थाने की हवालात में मौत हो गई थी। हाईकोर्ट के आदेश से मामला सीबीआइ को सौंपा गया। सीबीआइ जांच में पुलिस की कहानी गलत साबित हुई। अब कोर्ट से भी दोषी नीलू को सजा हो चुकी है, लेकिन पीडि़त परिवार पुलिस और सीबीआइ दोनों की ही जांच से अब तक संतुष्ट नहीं है। दोनों ही पक्ष हाईकोर्ट में पहुंचे हैं। पीडि़त परिवार को उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा।

बदलते वक़्त के साथ सरकारों ने बेश़क कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए और कई सुविधाएं अपराधों को रोकने के लिए अपनाई। लेकिन आंकड़े देख़कर ये मालूम पड़ता है कि ये सुविधाएं किसी काम की नहीं।