राजधानी शिमला में लोगों को स्वच्छ पानी पिलाने के लिए लगाए गए वाटर एटीएम शोपीस बनकर रह गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 25 वार्डों में इन एटीएम को लगाया गया है। इनमें से 10 एटीएम खराब हो गए हैं। कुछ एटीएम का इस्तेमाल ही नहीं हो रहा है। कुछ एटीएम ऐसे हैं जिनका इस्तेमाल नाममात्र का हो रहा है। नगर निगम की मासिक बैठक में इस मामले को पार्षदों ने उठाया था।
पार्षदों ने कहा कि एटीएम खराब हैं, इन्हें ठीक किया जाए, इसके बावजूद इन्हें ठीक नहीं किया गया। सरकार ने इन एटीएम को इसलिए लगाया था ताकि लोगों को स्वच्छ पानी सस्ते दाम पर दिया जा सके। बाजार में पानी की बोतल 20 रुपये की मिलती है। जबकि एटीएम से एक लीटर पानी महज दो रुपये में भर सकते हैं। इनकी बेकद्री हो रही है।
दरअसल वार्डों में लोगों को इस तरह के पानी की जरूरत भी नहीं रहती। अधिकतर लोग घरों का ही पानी इस्तेमाल करते हैं। यही वजह है किन जगह पर एटीएम का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। खराब पड़े एटीएम को ठीक करने के निर्देश शिमला जल प्रबंधन निगम को दिए गए हैं। जिन एटीएम का प्रयोग नहीं हो रहा है उन्हें वहां से बदल कर स्कूल या फिर अस्पताल में लगाया जाएगा। पार्षदो ने तर्क दिया है कि उनके वार्डों के स्कूलों में इसे लगाया जाए। इस पर विचार चल रहा है।