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शिमलाः स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अधर में, साल भर में खर्च हो पाया सिर्फ़ डेढ़ करोड़

पी. चंद, शिमला |

पहाड़ों की रानी शिमला को स्मार्ट सिटी घोषित करवाने के लिए कई पापड़ बेले गए। लंबी जद्दोजहद से धर्मशाला के बाद शिमला को भी स्मार्ट सिटी घोषित कर दिया गया। उसके बाद केन्द्र ने 100 करोड़ की ग्रांट भी शिमला के लिए जारी कर दी बाबजूद इसके एक साल से ज़्यादा वक़्त पूरा होने पर काम न के बराबर हुआ है। स्मार्ट सिटी में अभी तक मात्र डेढ़ करोड़ ही ख़र्च हो पाया है। वह भी कर्मियों के वेतन और गाड़ियों पर ख़र्च हुआ है।

केन्द्र ने 2800 करोड़ शिमला स्मार्ट सिटी के लिए मंजूर किया था जिसमें केन्द्र और प्रदेश की 60:40 की रेशो थी। लेकिन सरकार ने केन्द्र से प्रदेश की ख़राब आर्थिक स्थिति का हवाला देकर 90:10 की रेशो पर स्मार्ट सिटी का काम करने की मांग की थी जिसकी केन्द्र ने ठुकरा दिया है। अब स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट भी अधर में लटक गया है। सिर्फ़ 100 करोड़ ही शिमला के लिए अब है जो एक्ससिलेटर और अन्य विकास के खर्च होने की उम्मीद की जा रही है। लेकिन इसका काम कब शुरू होगा अभी कुछ नहीं कह सकते।