कोरोना महामारी का प्रकोप इतना बढ़ गया है की गरीब औऱ मध्यम वर्ग को दो वक्त की रोटी जोड़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच आज धर्मशाला में समाजसेवी संजय शर्मा ने कहा की सरकार से शिकायत करें तो कानूनी करवाई हो रही है, ऐसे में मदद की गुहार लगाएं तो किससे लगाएं।
कोरोना महामारी के इस दौर में सबसे अधिक प्रभावित गरीब औऱ मध्यम वर्ग की समस्याओं को लेकर समाजसेवी संजय शर्मा ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को ही ज्ञापन सौंप दिया। संजय शर्मा ने ज्ञापन में लिखा है कि बापू आपने तीन बंदरों के जिक्र तो किया लेकिन चौथे बंदर को आप भूल गए। बुरा मत देखो, बुरा मत बोलो, बुरा मत सुनो लेकिन बुरा मत करो का संदेश देने बाला बंदर देना वह भूल गए।
संजय शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान रोजगार की दृष्टि से सबसे ज्यादा प्रभावित अगर कोई वर्ग हुआ है तो वह होटलों में काम करने वाला कर्मचारी वर्ग है। इसमें वेटर से लेकर मैनेजर औऱ मालिक तक को रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं। लेकिन सरकार इससे बेपरवाह है। इस वर्ग से इतना बुरा बर्ताव और मज़ाक किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज में इनके लिए फूटी कोइडी भी नहीं, जिससे यह लोग अपनी आजीविका चला सकें।
आखिर यह बजट किस वर्ग के लिए जारी किया गया। अकेले कांगड़ा जिला में इस क्षेत्र से जुड़े 25 हज़ार से ज्यादा युवा सड़कों पर आ छूकर हैं। न केंद्र सरकार की इनके लिए कोई नीति है न ही प्रदेश सरकार की, इसलिए बापू आपसे निवेदन है कि अब एक चौथा बंदर जरूर समाज को दें जो यह संदेश देता हो कि किसी का बुरा मत करो। इस अवसर पर समाजसेवी संजय शर्मा के साथ विभिन्न होटलों के कर्मचारी, बेरोजगार युवा और संजय शर्मा समर्थक मौजूद रहे।