मां-बेटे की मिलन का प्रतीक अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुकाजी मेले का गुरुवार को विधिवत आगाज हो गया। विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने भगवान परशुराम की पालकी को कंधा देकरमेले का शुभारंभ किया। हालांकि परंपरा के अनुसार हमेशा मुख्यमंत्री ही इस मेले का शुभारंभ करते हैं और सदियों से यह परंपरा चली आ रही है। लेकिन इन्वेस्टर मीट के चलते मुख्यमंत्री मेले में शिरकत नहीं कर पाए। इस बार सीएम जयराम ठाकुर मेले के समापन पर 12 नवंबर को रेणुका पहुंचेंगे। जबकि समापन राज्यपाल करते आ रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने ददाहु स्कूल मैदान में भगवान परशुराम की पालकी को कांधा दिया, जिसके बाद यहां से शोभायात्रा शुरू हुई। ढोल नगाड़ों की धुनों पर माता रेणुका और भगवान परशुराम के जयकारों से समूची रेणुका घाटी गूंज उठी। ददाहु से मुख्य मन्दिर तक करीब 2 किलोमीटर लंबी निकाली गई शोभायात्रा में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हुए थे। भव्य शोभायात्रा में देवताओं की कई पालकियां आकर्षण के केंद्र रहीं।
गौरतलब है कि दशमी के दिन भगवान परशुराम वायदे के मुताबिक, अपनी माता रेणुका से मिलने श्री रेणुका जी पहुंचते हैं। अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने प्रदेशवासियों हुआ देशवासियों को अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले की बधाइयां दी। अंतरराष्ट्रीय रेणुका जी मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र रहते हैं। वहीं, यह एक ऐसा अवसर होता है, जब लोगों को एक साथ कई देवी-देवताओं के दर्शन करने का मौका भी मिलता है।