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बढ़ते संघ प्रयासों से 2025 में भारत बनेगा विश्वगुरु: प्रेमचंद गोयल

पी. चंद, शिमला |

राजधानी शिमला के संजौली में बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा पथ संचलन एवं शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पथ संचलन कार्यक्रम वरिष्ठ प्रचारक, सदस्य, क्षेत्र कार्यकारिणी उतर क्षेत्र प्रेम चन्द गोयल की अगवाई में किया गया। इस अवसर पर प्रेमचंद गोयल जी ने कहा कि संघ के पौधे को डॉ. हेडगेवार ने लगाया था जोकि आज एक बड़ा वट वृक्ष बन गया है। आज संघ का प्रभाव दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है और 2025 तक भारत विष्वगुरू बन जायेगा। उन्होंने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि कभी गांधीजी ने संघ के बारे में कहा था कि जब कोई कार्य प्रारम्भ किया जाता है तो उस समय उस कार्य का समाज में उपहास भी हो जाता है। लेकिन जब वह अपने चरम पर पहुंचता है तो लोग उसकी प्रषंसा करते हैं।

उन्होंने कहा कि आज महात्मा गांधी की बात पूरी तरह सच हो रही है और आज संघ एक पौधे से वटवृक्ष का रूप ले चुका है। इसका विस्तार लगातार जारी है। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैंने 1969 में गंज बाजार में संघ के कार्यक्रम में भाग लिया था तो उस समय यहां पर 92 शाखाएं ही थी जो आज 900 से भी अधिक हो चुकी है। उन्होंने बताया कि आज संघ के प्रभाव को पूरी दुनिया स्वीकार कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत सोने की चिड़िया नहीं बल्कि सोने का शेर बनेगा।

संघ कार्यकर्ता न हो निष्क्रिय

प्रेमचंद का कहना था कि संघ के स्वयंसेवक यदि निष्क्रिय हो जाते हैं तो संघ का कार्य प्रभावित हो सकता है। उन्होंने चेताया कि संघ के कार्यकर्ता निष्काम भाव से समाज सेवा के पुनीत कार्यों को करते रहे लेकिन संघ के स्वयंसेवक किसी भी हाल में निष्क्रिय नहीं होना चाहिए।उन्होंने संघ के स्वयंसेवकों से निरन्तर समाज के लिए सक्रियता से कार्य करने का आह्वान किया।

पथ संचलन में दिखा स्वयंसेवकों का उत्साह लोगों ने बरसाये पुष्प

राजधानी में पथ संचलन के दौरान स्वयंसेवकों का भारी उत्साह दिखा। इस दौरान लोगों ने भी स्वयंसेवकों का तहेदिल से स्वागत किया। इस संचलन में शिमला के 2 खण्डों एवं 9 नगरों के लगभग 1200 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। पथ संचलन की शुरूआत भारत माता की जय और राष्ट्रप्रेम के नारों के साथ हुई। पथ संचलन का प्रारम्भ संजौली इंजनघर से हुआ और संजौली चैक से ढली होते हुए संजौली में ही इसका समापन हो गया। गणवेश में सजे स्वयंसेवकों ने घोष ध्वनि के संगीत की स्वर लहरियों के साथ राष्ट्र निर्माण के लिए कदम से कदम मिलाकर संचलन किया। संजौली एवं ढली में स्वयंसेवकों के स्वागत के लिए भारी संख्या में लोग एकत्र हुए और उन्होंने पथ संचलन करते स्वयंसेवकों पर पुष्पवर्षा की।