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प्रदेश में हर्षोल्लास से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस, CM ने कर्मचारियों और महिलाओं को दी सौगात

पी. चंद |

हिमाचल प्रदेश में आज 73वां स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास व उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर राज्य, जिला तथा उप-मण्डल स्तर पर समारोहों का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय ध्वजारोहण, पुलिस, गृह रक्षा, एनसीसी, आईटीबीपी के जवानों द्वारा आकर्षक मार्च पास्ट तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम समारोहों के मुख्य आकर्षण रहे। समारोह को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने प्रातःकाल से ही अपने पारम्परिक परिधानों में सुसज्जित होकर समारोह स्थल पर एकत्र होना आरम्भ कर दिया था।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला के ऐतिहासिक रिज़ मैदान पर आयोजित राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय ध्वज फहराया और पुलिस, गृह रक्षकों, एनसीसी, स्काउटस् एण्ड गाइडस्, एनएसएस के कैडेटों तथा स्कूली छात्रों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक मार्च पास्ट की सलामी ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को स्मरण किया, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हुए सभी जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने हिमाचल निर्माता एवं प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशवन्त सिंह परमार द्वारा प्रदेश के विकास की ठोस नींव रखने में दिए गए अविस्मरणीय योगदान के लिए उन्हें श्रद्धांजलि दी।

मुख्यमंत्री ने निषाद कुमार और लैफ्टिनेंट प्रतिभा जम्वाल को हिमाचल गौरव पुरस्कार प्रदान किया। उन्होंने सुबेदार रिनजिन दोरजे (मरणोपरांत), अलाईका तथा हिमकारा संगठन को प्रेरणा स्त्रोत पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण को सिविल सर्विसिज पुरस्कार प्रदान किया, जिसे पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा नन्दा ने प्राप्त किया। राज्य स्तरीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण पुरस्कार कुल्लू तथा लाहौल-स्पिति जिलों को प्रदान किए, जिन्हें क्रमशः उपायुक्त यूनुस खान तथा अश्विनी कुमार ने प्राप्त किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों को चार प्रतिशत मंहगाई भत्ते की घोषणा की, जो जनवरी, 2019 से देय होगा। इस निर्णय से प्रदेश के कर्मचारियों को 260 करोड़ रुपये के अतिरिक्त वित्तीय लाभ मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि भविष्य में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग तथा राज्य अधिनस्थ सेवा चयन बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षाओं में महिला उम्मीदवारों को परीक्षा शुल्क जमा नहीं करवाना पड़ेगा। सरकारी स्कूलों के 9वीं व 10वीं कक्षाओं के सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्यक्रम पुस्तकें प्रदान की जाएंगी, जिससे प्रदेश के 65,000 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।

इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने ऐसे भूतपूर्व सैनिकों, सैनिक विधवाओं/आश्रितों, जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है तथा जिन्हें वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल रही है, उन्हें वर्तमान में दी जा रही वित्तीय सहायता को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रतिवर्ष करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने द्वितीय विश्व युद्ध के सेनानियों की वित्तीय सहायता राशि को 3000 रुपये से बढ़ाकर 10000 रुपये प्रतिमाह तथा सेनानियों की विधवाओं की वित्तीय सहायता राशि को 3000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा की।