देश भर में 26 जुलाई को मनाए जाने वाले कारगिल विजय दिवस को लेकर जहां लोगों में खासा उत्साह है. इसी बीच श्रीनगर से हिमाचल प्रदेश के साथ पूरे देश के लिए एक दु:ख भरी खबर सामने आई है. श्रीनगर के पास आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के रहने वाले भारतीय सेना के जवान दिलावर खान शहीद हो गए. आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान उन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. वे भारतीय थल सेना में गनर थे और मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना जिले के घरवासड़ा के रहने वाले थे.
मात्र 28 साल के बलिदानी दिलावर खान का पार्थिव देह आज वीरवार दोपहर दो बजे उनके पैतृक गांव लाया जाएगा. दिलावर खान की शहादत की खबर जैसे ही पूरे इलाके में फैली वहां शौक की लहर फैल गई सैनिक कल्याण विभाग के उपनिदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल सेवानिवृत एसके कालिया ने बताया कि शहीद दिलावर खान का पार्थिव देह दोपहर 2:00 के बाद उनके पैतृक गांव पहुंचेगी।
दिलावर खान का जन्म 10 मार्च 1996 को हुआ था स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वे 20 जनवरी 2014 को मात्र 18 साल की उम्र में ही भारतीय सेना में भर्ती हो गए थे. उन्हें स्कूल के वक्त से ही भारतीय सेना में भर्ती होने का जुनून था. इसी जुनून ने उन्हें भारतीय सेना में शामिल करवाया और अब उन्होंने देश की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है.
बताया जा रहा है की गोली लगने के बाद दिलावर खान को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया जहां उनकी मौत हो गई।
दिलावर खान की शहादत पर हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, कुटलैहड़ के विधायक विवेक शर्मा और डीसी जतिन लाल ने शोक जताया है
इसके साथ ही सीएम सुक्खू ने कहा है कि यह सभी प्रदेशवासियों के लिए अत्यंत पीड़ा का पल है क्योंकि हमने प्रदेश का बेटा खोया है
भारत माता की रक्षा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दिलावर खान का सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
वही हमीरपुर के सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर ने भी दिलावर खान की शहादत पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है.