उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने केन्द्र सरकार से कांगड़ा जिला को शहरी गैस वितरण परियोजना में शामिल करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के छह जिले इस परियोजना के अंतर्गत शामिल किए गए हैं, जबकि शेष छह जिलों को शामिल किया जाना बाकी है। उन्होंने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मन्त्रालय द्वारा प्राकृतिक गैस क्षेत्र में उभरते अवसरों पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेते हुए यह मामला उठाया।
उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला का डमटाल तेजी से उभरता औद्योगिक क्षेत्र है, जिसे शहरी गैस वितरण परियोजना से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने प्रदेश के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों जैसे बद्दी, नालागढ़ और काला अम्ब को भी प्राथमिकता के आधार पर इस परियोजना के अंतर्गत शामिल करने का आग्रह किया। गैस का उपयोग औद्योगिक क्षेत्रों में कचरे के निपटान में भी किया जा सकता है। उन्होंने प्रदेश के तीन प्रमुख पर्यटन स्थलों- धर्मशाला, मनाली और शिमला में अपशिष्ट सामग्री से गैस तैयार करने के लिए विशेष नीति बनाने पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों जैसे ऊना, कांगड़ा, मण्डी और पांवटा साहिब में बसों में सीएनजी का उपयोग किया जा सकता है और राज्य सरकार इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के इच्छुक हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक केवल 20 सीएनजी स्टेशन स्थापित किए गए हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि राज्य में सीएनजी को प्रोत्साहित करने के लिए सहायता प्रदान करें, क्योंकि सीएनजी पर्यावरण मित्र है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से राज्य में इलैक्ट्रिक बसें भी चलाई जा रही हैं और राज्य सरकार बायो गैस को प्रोत्साहित करने पर भी विचार कर रही है।