प्रदेश के निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 171-ख के अनुसार, जो कोई व्यक्ति निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान किसी व्यक्ति को उसके निर्वाचक अधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्प्रेरित करने के उद्देश्य से नकद या वस्तु रूप में कोई प्रलोभन देता है या लेता है, तो वह एक वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनों से दण्डनीय होगा.
इसके अतिरिक्त, भारतीय दंड संहिता की धारा 171–ग के अनुसार जो व्यक्ति किसी अभ्यर्थी या निर्वाचक या किसी अन्य व्यक्ति को किसी प्रकार की चोट पहुंचाने की धमकी देता है, तो वह एक वर्ष के कारावास या जुर्माने या दोनों से दण्डनीय होगा.
उन्होंने कहा कि मतादाओं को डराने और धमकाने में लिप्त, रिश्वत देने और लेने वालों दोनों के विरूद्ध मामले दर्ज करने और ऐसे लोगों के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए उड़न दस्ते गठित किए गए हैं.
डीसी ने सभी मतदाताओं से किसी प्रकार की रिश्वत लेने से परहेज करने की अपील करते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति को रिश्वत की पेशकश की जाती है या उसे रिश्वत और निर्वाचकों को डराने अथवा धमकाने के मामलों की जानकारी है. तो वह ऐसे मामले जिला स्तर पर स्थापित शिकायत प्रकोष्ठ के टोल फ्री नंबर 1800-180-8063 पर सूचित कर सकता है.