मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की । इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्माणाधीन परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे परियोजना लागत में भी बढ़ोतरी नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने विभाग को मुख्यमंत्री की घोषणाओं और जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया जा चुका है उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि सड़कें राज्य के विकास को दर्शाती है और उनकी स्थिति के आधार पर लोग विकास का अनुमान लगाते हैं। सड़कों के निर्माण कार्य में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए और गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की ढील नहीं बरती जानी चाहिए। सड़कों एवं पुलों की खराब गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों और कार्य में अनावश्यक देरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त करने के लिए लोक निर्माण विभाग को बधाई देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार पोषित यह कार्यक्रम, राज्य में 250 से अधिक जनसंख्या वाली बस्तियों को सड़क से जोड़ने में वरदान साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत वर्ष 2020-21 के दौरान सबसे अधिक लम्बी सड़कें बनाने के लिए देश के 30 शीर्ष जिलों में मण्डी जिला ने प्रथम स्थान प्राप्त किया और राज्य के सात जिलों ने भी 30 शीर्ष जिलों में अपना स्थान बनाया। यह विभाग के कार्य निष्ठा और केन्द्रित दृष्टिकोण से संभव हो पाया है।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन के कार्य के आंबटन में देरी पर चिंता व्यक्त करते हुए विभाग के अधिकारियों को कार्य के आबंटन की अवधि को कम करने की प्रणाली विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्य के आबंटन में तेजी लाने को कहा और किसी भी प्रकार की समस्या आने पर मामला वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष रखने को कहा। उन्होंने परियोजनाओं के क्रियान्वयन में सूचना प्रौद्योगिकी और आधुनिक तकनीक के प्रयोग पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को राज्य में प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं का रख-रखाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने राष्ट्रीय उच्च मार्गों के रख-रखाव में किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर सभी गड्डों को 3 नवम्बर तक भरने को कहा।
उन्होंने कहा कि नाबार्ड के तहत 1 जनवरी, 2018 से अब तक 894.38 करोड़ रुपये की लागत से 219 परियोजनाएं स्वीकृत की गई। वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में सीआरआईएफ के तहत राज्य में 747.08 करोड़ रुपये की लागत से 28 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। राज्य में 799.68 करोड़ रुपये की लागत से हिमाचल प्रदेश राज्य सड़क परिवर्तन परियोजना का क्रियान्वयन भी किया जा रहा है। इस परियोजना का क्रियान्वयन तीन घटको में किया जा रहा है। इसमें एचपीआरआईडीसी के पुनस्र्थापन और परिचालन, राज्य की बागवानी को प्रभावित करने वाली चिन्हित सड़कों के सुधार व सड़क सुरक्षा को बढ़ाना शामिल है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि पहली बार उन सड़कों को मण्डल स्तर पर चिन्हित कर उनका मूल्यांकन किया गया है, जिन पर जरूरत पड़ने पर बर्फ हटाने के कार्य की आवश्यकता होती हैं। समर्पित मानव संसाधन की तैनाती के लिए रोस्टर तैयार किया जा रहा है, यह मण्डल, जिला और उपमण्डल स्तर पर आवश्यकता पड़ने पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ समन्वय स्थापित करेगा।