हिमाचल

एड्स के विरूद्ध लड़ाई में समाज की सहभागिता बेहद जरूरी: एडीएम

बच्चों से स्कूल और परिवार में करें इन विषयों पर बात
धर्मशाला: एचआईवी और एड्स के बारे में आम जनमानस विशेषकर युवा वर्ग को जागरूक करना तथा इससे संक्रमित लोगों से अपनत्व का व्यवहार करते हुए उन्हें संबल प्रदान करने की जिम्मेदारी समाज को अपने कंधों पर लेने की आवश्यकता है। विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य पर आज शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय में आयोजित एड्स संबंधित विषयों की जिला स्तरीय बैठक एवं कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोहित राठौर ने यह बात कही। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डॉ. सुशील शर्मा सहिज विभिन्न हितधारक उपस्थि रहे। एडीएम ने कहा कि एड्स की रोकथाम और इससे जुड़े पूर्वाग्रहों को विराम देने की जिम्मेदारी केवल सरकार या प्रशासन की ही नहीं है। समाज के प्रत्येक वर्ग को इसके लिए गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है।
बना ‘वन मंथ एक्शन प्लान’
उन्होंने बताया कि एड्स के प्रति युवाओं और समाज के विभिन्न वर्गों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा दिसम्बर माह में जिला भर में अनेक कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन गतिविधियों के संचालन के लिए विभिन्न विभागों के लिए वन मंथ एक्शन प्लान बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान शिक्षा विभाग द्वारा रेड रिबन क्लब के माध्यम से शिक्षण संस्थाओं में विभिन्न गतिविधियों और प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जाएगा। वहीं बीएसएनएल, आईटी, कृषि, उद्यान, एनएचएआई, पर्यटन, महिला एवं बाल विकास, हथकरघा, कौशल विकास निगम, शहरी विकास, सहकारिता, ग्रामीण विकास, उद्योग, श्रम, विद्युत, पुलिस, परिवहन, युवा सेवाएं एवं खेल, एचआरटीसी, पंचायती राज विभाग और सभी बैंकों सहित एनसीसी, एनएसएस और गैर सरकारी संगठनों द्वारा कार्यक्रम निर्धारित किए गए हैं।
स्थिति विस्फोटक होने से पहले संभलना होगा
रोहित राठौर ने कहा कि एड्स के प्रति सजग होकर लड़ने आवश्यकता तो आज है ही लेकिन ड्रग्स के माध्यम से एड्स के संक्रमण की स्थिति के विस्फोटक होने से पहले संभलना जरूरी है। उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा के नूरपुर और साथ लगते क्षेत्रों में कुछ मामले सामने आए हैं, जहां ड्रग्स का सेवन करने वाले एड्स से संक्रमित पाए गए। उन्होंने बताया कि जांच से पता चला कि ड्रग्स के आदि हो चुके लोग ड्रग्स का सेवन करने के लिए एक ही सिरिंज का उपयोग कर रहे हैं, जिससे उनमें और उनके पार्टनरस् में एड्स का संक्रमण हो रहा है।
एडीएम ने कहा कि प्रशासन और पुलिस ऐसे मामलों को ट्रैक करने और पकड़ने के लिए बड़ी मुस्तैदी से कार्य कर रहे हैं। लेकिन यदि समाज और पीड़ितों के परिवार सही समय में ऐसे मामलों को पकड़वाने और अपनी सजग भूमिका निभाने से चूके तो स्थिति भयावह हो जाएगी। उन्होंने लोगों से एड्स और ड्रग्स के खिलाफ चल रही इस लड़ाई में अपना कीमती योगदान देने का आह्वान किया।
युवाओं और बच्चों के विषयों को करें सही से एड्रेस
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने कहा कि इस विषय को संभालने और रोकने के लिए स्कूलों और परिवारों का रोल बहुत अहम है। उन्होंने कहा कि कि शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चों से संवाद कर उनसे जुड़े हर विषय को एड्रेस करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एड्स, उसके कारण और उससे जुड़े विषयों पर यदि हम बच्चों से बात नहीं करेंगे, तो उनके साथी करेंगे, जिससे उन्हें गलत जानकारियां मिलेंगी और वे अपना हित-अहित सोचने की स्थिति में नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि बाल और युवावस्था में भावनाएं ज्यादा प्रबल होती है, इसलिए बच्चों के मानसिक और भावनात्मक पक्ष को समझें और उनसे इस पर खुलकर चर्चा करें। बच्चें सही निर्णय तभी ले पाएंगे यदि हम उन्हें सही जानकारी देंगे और उनकी शंकाओं को दूर करेंगे।
संक्रमितों को अपनाना सीखें: एड्स चैंपियन
कार्यक्रम में जिले के एड्स चैंपियनस् ने भी भाग लेकर अपने अनुभवों और सुझावों को सबसे साझा किया। एड्स से संक्रमित होने के बाद स्वस्थ जीवन जीने वाली एक एड्स चैंपियन ने लोगों से आह्वान किया कि समाज संक्रमितों को अपनाना सीखे। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि जब उन्हें संक्रमण की पुष्टि हुई थी, तब कई लोगों ने उन्हें दूर किया तो कईयों ने अपनाया भी। उन्होंने कहा कि उसी अपनेपन और चिकित्सक उपचार से आज वे एक स्वस्थ जीवन जी रही हैं। उन्होंने कहा कि एड्स से संक्रमित लोग किसी प्रकार की हीन भावना अपने भीतर न आने दें और अपना मनोबल सदैव ऊंचा रखें। उन्होंने समाज से एड्स संक्रमित लोगों से आदर और स्नेह पूर्वक व्यवहार करने की बात कही।
एड्स चैंपियन को दी ‘जादू की झप्पी’
एडीएम ने इस दौरान एड्स चैंपियनस् को सम्मानित करते हुए, उनके हौंसले और जज्बे से प्रेरणा लेने की बात कही। वहीं उपस्थित विभिन्न अधिकारियों ने एड्स चैंपियन को ‘जादू की झप्पी’ देकर सभी पूर्वाग्रहों को ध्वस्त किया। इस दौरान सभी हितधारकों ने विषय से संबंधित अपने सुझाव देते हुए, इस दिशा में गंभीरता से कार्य करने की बात कही।
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