उद्योग विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा हिमाचल में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रोत्साहन, रियायत और सुविधाएं प्रदान करने के लिए 16 अगस्त, 2019 को हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति-2019 अधिसूचित की थी। इसमें प्रमुख प्रोत्साहनों में विस्तृत परियोजना की लागत के लिए 50 प्रतिशत की दर से अनुदान, 3 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान, 50 प्रतिशत की दर से संयंत्र और मशीनरी के परिवहन के लिए सहायता, मालभाड़ा अनुदान 3 से 5 प्रतिशत, गुणवता प्रमाणन के लिए सहायता 50 प्रतिशत, अपशिष्ट उपचार संयंत्र की स्थापना के लिए अनुदान 25 प्रतिशत, शुद्ध राज्य वस्तु एवं सेवा कर की प्रतिपूर्ति 50 से 90 प्रतिशत की दर से सूक्ष्म, लघू, मध्यम बड़े और एन्कर इकाईयों के लिए अधिसूचित किए गए थे।
प्रवक्ता ने बताया कि अधिकांश औद्योगिक इकाईयां कोरोना महामारी के कारण समय पर आवेदन नहीं कर सकी थी। ऐसे में प्रदेश सरकार ने औद्योगिक इकाईयों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए औद्योगिक निवेश नीति-2019 के तहत परिभाषित विभिन्न प्रोत्साहनों के लिए जो इकाईयां समय पर आवेदन नहीं कर पाई हैं, उन्हें आवेदन करने के लिए 31 मार्च, 2022 तक एकमुश्त छूट प्रदान की है।