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जयराम कैबिनेट में ये मंत्री है शामिल, जानिए इनके बारे में

समाचार फर्स्ट |

हिमाचल के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में जयराम ठाकुर ने 11 मंत्रियों के साथ शिमला के रिज मैदान में पद और गोपनीयता की शपथ ली। इस दौरान कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, लालकृष्ण आडवाणी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई दिग्गज शामिल हुए।

हिमाचल सरकार के लिए इन 11 मंत्रियों ने ली शपथ-

महेद्र सिंह ठाकुर ( धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र)

जिला मंडी की धर्मपुर विधानसभा से महेद्र सिंह ठाकुर ने लगातार 7 बार चुनाव जीता है। हर बार नए चुनाव चिन्ह से चुनाव जीतने का गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में भी उनका नाम दर्ज है। महेद्र सिंह 2 बार मंत्री भी रह चुके हैं।

किशन कपूर ( धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र)

 

जिला कांगड़ा के धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से पहली बार 1990 में विधायक बने. शांता के बेहद करीबी है किशन कपूर. अब तक 5 बार रह चुके है विधायक. धूमल की सरकार में 2 बार मंत्री रहे।

सुरेश भारद्वाज ( शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र)

 

शिमला शहर से 4 बार विधायक. 1982 में प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष रहे। उसके बाद 2003 से लेकर 2006 तक फिर बीजेपी की कमान संभाली। 1990 में पहली बार विधायक चुने गये। उसके बाद 2007 में फिर विधायक बने। 2012 में भी उन्होंने शिमला से चुनाव जीता। राज्यसभा सांसद भी रहे.  ABVP से जुड़े रहे.

अनिल शर्मा ( मंडी विधानसभा क्षेत्र)

मंडी सीट से 4 बार रहे विधायक.वीरभद्र सरकार में रहे मंत्री. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के है बेटे. राज्यसभा सांसद भी रहे. हाल ही में कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन की.

वीरेंद्र कंवर ( कुटलेहड़ विधानसभा क्षेत्र)

ऊना के कुटलेहड़ से 4 बार विधायक. 2003 में पहली बार बने विधायक. RSS और ABVP से जुड़े रहे. 53 साल के कंवर नाम कोई क्रिमिनल रिकार्ड नहीं. 3 करोड़ से ज्यादा संपति.

विक्रम ठाकुर ( जसवां प्ररागपुर विधानसभा क्षेत्र)

2003 में पहली बार बने विधायक, 3 बार रह चुके है विधायक.2000 में बीजेपी युवा मोर्चा के रहे अध्यक्ष.

गोविंद सिंह ठाकुर ( मनाली विधानसभा क्षेत्र)

मनाली से तीन बार विधायक बने. पहली बार बन रहे हैं मंत्री. 3 अपराधिक मामले रिकार्ड, संस्कृत में ली शपथ, पिता रह चुके हैं हिमाचल सरकार में मंत्री, 6 करोड़ की संपत्ति

सरवीण चौधरी ( शाहपुर विधानसभा क्षेत्र)

जिला कांगड़ा की शाहपुर सीट से 4 बार विधायक चुनी गई. 1998 में सरवीण पहली बार विधायक चुनी गईं। उसके बाद 2007 में । 1998 से 2003 तक संसदीय सचिव रहीं। 2008 से 2012 तक प्रदेश में सामाजिक अधिकारिता मंत्री रहीं। 2012 में तीसरी बार विधायक चुनी गईं।
 

राम लाल मार्कडा ( लाहौल विधानसभा क्षेत्र)

लाहौल से 3 बार विधायक बने. 1998 में पहली बार विधायक चुने गए. आदिवासी कोटे से बनाया गया मंत्री. कोई क्रिमिनल रिकार्ड नहीं. 

विपिन परमार ( सुलह विधानसभा क्षेत्र)

जिला कांगड़ा की सुलह सीट से 3 बार विधायक, 1998 में पहली बार चुने गए विधायक. RSS-ABVP के सदस्य. कोई क्रिमिनल रिकार्ड नहीं.

 

डा0 राजीव सैजल ( कसौली विधानसभा क्षेत्र)

जिला सोलन की कसौली सीट से 3 बार विधायक. 2007 में पहली बार विधायक बने. दलित कोटे से बन रहे हैं मंत्री. पेशे से है डॉक्टर. जिला अध्यक्ष रह चुके है. कोई क्रिमिनल रिकार्ड नहीं.