प्रदेश सरकार ने बजट 2019-20 में घोषणाएं तो बड़ी-बड़ी कर दी थी पर आम जनता तक उन्हें पहुंचाने में जयराम सरकार फिसड्डी साबित हुई है। जन कल्याण के खर्च के लिए 13092.37 करोड़ की घोषणाओं की गई थी पर उसमें से 8,059.46 करोड़ सरकार खर्च नहीं पाई है।
ये खुलासा भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट लें हुआ है, जिसे विधानसभा के शीत सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन के पटल पर रखा। अब कैग ने भी प्रदेश सरकार को नसीहत दे दी है कि बजटीय अनुमान व्यावहारिकता से तैयार करें।
आपको बता दें कि जयराम सरकार ने कौशल विकास भत्ता योजना में 10,003 करोड़ में से 4,641.71 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री नूतन पाली आवास योजना के लिए तय 700 करोड़ में से महज 82 लाख, मुख्यमंत्री खुंब विकास योजना के 500 करोड़ में से 298.84 करोड़ रुपये ही खर्च पाई है। हैरानी की बात तो ये है कि शिक्षा के क्षेत्र की अटल आदर्श विद्या केंद्र के लिए तय 1,500 करोड़ रुपये में से एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ है। प्रदेश की कई अन्य योजनाओं का भी यही हाल है।
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