हिमाचल

ईडी की जाँच के दायरे में आए खनन कारोबारियों से संबंधों पर जवाब दें सुक्खू: जयराम

शिमला : शिमला में मीडिया के प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में खनन से जुड़े कारोबारियों के यहां हुई छपेमारी में घपले की पुष्टि हुई है। लेकिन इन कारोबारियों की मुख्यमंत्री से नज़दीकी की बातें समाने आ रही हैं। मुख्यमंत्री को इस मामले में प्रदेश की जनता को जवाब देना चाहिए कि जांच एजेंसियां जिनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की तैयारी कर रही हैं। उनका मुख्यमंत्री से क्या संबंध है? कांग्रेस सरकार ने विकास के बजाय घोटालों को तरजीह दी है। जनता के मुद्दे से सरकार को कोई सरोकार नहीं है। सरकार तानाशाही से विपक्ष की आवाज़ को दबाने का काम कर रही है। उपचुनाव जीतने के लिए सरकार ने सत्ता का जितना दुरुपयोग कर सकती थी, वह कर चुकी है। सरकार की तानाशाही के ख़िलाफ़ जनता में रोष है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि इस समय प्रदेश में भ्रष्टाचार पर भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। घोटालों से प्रदेश की छवि ख़राब हो रही है, माफिया सक्रिय हैं। क़ानून व्यस्था ध्वस्त है लेकिन मुख्यमंत्री अपनी सरकार बचाने में व्यस्त हैं। हाल ही में आयकर और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के द्वारा हिमाचल प्रदेश के कुछ कारोबारियों पर अनियमितता की जाँच के लिए कार्रवाई की गई। समाचारों की मानें तो वहां पर भारी धांधली का मामला सामने आया है। ये जांच खनन कारोबारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर, शिकायतों और फील्ड वेरिफिकेशन रिपोर्ट के आधार पर शुरू की गई है। शुरुआती जांच में ही ईडी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कई  ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिससे पता चलता है कि ये दोनों सैकड़ों करोड़ के स्कैम में शामिल हैं। इतने गंभीर मामलों के आरोपी की हिमाचल के मुख्यमंत्री के साथ नज़दीकी की बात भी मीडिया के माध्यम से सामने आ रही है। इसके पहले भी अपने चहेतों के लिए नियमों में फेर बदल के आरोप भी उन पर लगते रहे हैं। किसी भी आरोप पर मुख्यमंत्री ने अपनी सफ़ाई नहीं दी है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री के लिए मित्रों की टोली ही सब कुछ है, वह उन्हीं के हित के लिए काम कर रहे हैं। प्रदेश के लोगों के जनहित के मुद्दे प्राथमिकता में है ही नहीं। जो सरकार जनहित के मुद्दों से हट जाए उसे सत्ता में रहने का हक़ नहीं है। यह सरकार बदलनी चाहिए। हम विपक्ष में हैं, हमारा काम है तानाशाह होती सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना। जनता के हितों के लिए काम न करने वाली सरकार से सवाल पूछना। जनहित के काम करने के लिए सरकार को बाध्य करना। वह हम करते रहेंगे। इस बार प्रदेश के लोग भी घोटाले, भ्रष्टाचार और उसमें मुख्यमंत्री कार्यालय की संबद्धता के बारे में जवाब मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए।

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