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जयसिंहपुर तहसील परिसर बना शराबियों और जानवरों का अड्डा

अजीत वर्मा, जयसिंहपुर |

कभी स्वच्छ भारत अभियान कभी भांग उखाड़ो अभियान के साथ-साथ और भी न जाने कितने अभियान सरकार द्वारा समय समय पर चलाए जाते हैं। लेकिन, इन अभियानों की चलाने वाले शायद स्वयं के कार्यालय की इमारत की और ध्यान देना भूल गए हैं।  बात तहसील कार्यालय जयसिंहपुर की है जो ऐतिहासिक मैदान के एक किनारे पर स्थित है जो अव्यवस्था के लिए हमेशा चर्चा में रहता है। कार्यालय के साथ वकीलों के बैठने के लिए एक लेंटर नुमा शेड तो बना है लेकिन, चारों ओर से खुला होने के कारण शाम ढलते ही शराबियों का अड्डा बन जाता है और अंधेरा बढ़ने पर रात के समय बेसहारा जानवरों के लिए आश्रय स्थल बन जाता है।

 शराबियों नशे की हालत में बोतलें, हड्डियां और अन्य सामग्री इधर-उधर फैंक जाते है। जिस पर सोने पे सुहागा वाली बात तब हो जाती है जब बेसहारा जानवरों का मल-मूत्र सुबह वकीलों और तहसील में काम करवाने आने वाले लोगों का स्वागत करता है। वकील कील पीसी कौंडल का कहना है वह अपने घर में जानवरों का गोबर उठाने के बाद उन्हें तहसील परिसर में से भी गोबर उठाना पड़ता है। जोकि अब उनका रोजाना का काम बन गया है।

पीसी कौंडल का कहना है कि तहसील में काम करवाने आने वाले लोगों के लिए परिसर में किसी प्रकार का कोई फर्नीचर नहीं है और न ही कोई सफाई कर्मचारी है। उनका कहना है कि देख-रेख न होने के कारण शेड गिरने के कगार पर है। जिस कारण बड़ा हादसा होने का अंदेशा बना हुआ है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि वकीलों और लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उचित व्यवस्था की जाए ताकि किसी को भी परेशानी का सामना न करना पड़े।