सिरमौर में 7 सितम्बर को हुई समाजसेवी केदार सिंह जिन्दान हत्या मामले में 7 सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग समाजसेवी टीम ने कई खुलासे किये हैं। टीम ने सिरमौर में हरियाणा की खाप पंचायत की तरह खुमली पंचायत सक्रिय होने के गंभीर आरोप लगाये हैं। टीम का मानना है कि सिरमौर में ट्रांसगिरी क्षेत्र में रूडिवादी प्रथाए हावी है। क्षेत्र में जाति आधार पर लोगों से भेदभाव किया जाता है। समाजसेवी टीम ने सरकार से जिंदान मर्डर मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। समाजसेवी टीम ने कहा कि स्थानीय जांच एजेंसी पर सामजिक और राजनीतिक दवाब है। जिसके चलते जिंदान हत्या की जांच सही तरीके से नहीं हो सकती है।
केदार जिंदान द्वारा उठाये गए सभी मामलों की हो जांच
टीम ने दावा किया है कि क्षेत्र में चल रही खुमली पंचायत ने जिन्दान हत्या को दुर्घटना का रूप देने की पूरी कोशिश की। समाजसेवी कुलदीप वर्मा ने कहा है कि केदार सिंह जिंदान क्षेत्र में भ्रष्टाचार, जातीय भेदभाव और रुढ़िवादी प्रथाओं को प्रमुखता से उठाते थे इन्हीं कारणों से उनकी हत्या हुई है। समाजसेवी टीम ने सरकार से जिंदान द्वारा उठाये गए सभी मामलों की जांच की मांग की है।
समाजसेवी टीम ने कहा कि जिंदान समाज में गरीब और दबे कुचले वर्ग के लोगों की आवाज सरकार तक पहुंचाते थे। इसी के चलते उनका सुन्योजित तरीके से हत्या की गयी है। समाजसेवी टीम ने जिंदान मामले में अपनी जांच की रिपोर्ट मानवाधिकार आयोग को भेजी है और इस मामले में दखल देने का आग्रह किया है।
सरकार से अभी तक नहीं मिली कोई राहत
जिंदान की पत्नी हेमलता ने कहा की अभी तक सरकार की तरफ से जो मदद का ऐलान किया गया था उसमे से उन्हें कुछ भी नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि उनके पास रहने के लिए न तो घर है और न ही परिवार पालने के लिए कोई आमदनी का साधन है। हेमलता ने कहा कि जिन्दान हत्या में गवाह की जान को भी खतरा है। हत्या से जुड़े लोग गवाह पर लगातार दबाव बना रहे हैं। उन्होंने सरकार से गवाह की सुरक्षा की मांग की है।