हिमाचल सरकार को भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन के तहत मिली बसें आज भी सड़कों पर नहीं चल पाई हैं। एचआरटीसी और सरकार की लापरवाही के चलते करोड़ों रुपयों की यह बसें कबाड़ में तबदील होती नजर आ रही हैं। सुंदरनगर बस स्टैंड पर भी ऐसी दर्जनों छोटी- बड़ी बसें खड़ी धूल फांक रही हैं।इनमे से अधिकतर के कांच टूटे हुए हैं अंदर सीटों पर धूल और कचरा जमा हुआ है।
क्यों वर्षों से खड़ी है जेएनएनयूआरएम बसें
हिमाचल को केंद्र की योजना जेएनएनयूआरएम के तहत लगभग 791 बसे वर्ष 2014-15 में प्राप्त हुई थी। लेकिन इन बसों को पहले से निर्धारित व डीपीआर में दर्शाए गये रुट्स पर न भेजकर इनके रुट्स में संशोधन करके दूसरे रुट पर चलाया गया। जिस पर कोर्ट में दायर याचिका पर प्रदेश उच्च न्यायलय ने बसों को पूर्व निर्धारित रुट्स के बाहर बिना सक्षम प्राधिकरण की मंजूरी के न चलाने के आदेश दिए। जिसका परिणाम यह हुआ कि सैकड़ो बसें सड़कों से बाहर हो गई और प्रदेश के अनेक बस डिपुओं पर खडीं करने पड़ी। लेकिन, परिवहन विभाग इन्हें चलाने के लिए कोई ठोस योजना नहीं बना पाया।
डीडीएम एचआरटीसी सुंदरनगर विनोद कुमार ने बताया कि बस स्टैंड पर पांच बड़ी बसे खड़ी है।अन्य खड़ी जेएनएनयूआरएम छोटी बसों को क्रमवार चलाया जा रहा है।