कोरोना काल में धर्मशाला अस्पताल को कोविड केयर सेंटर बनाया गया था। इसके चलते अस्पताल में स्टाफ की कमी पूरा करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट आधार पर नर्स, क्लर्क और वार्ड बॉय की भर्ती की गई। लेकिन अब जब कोरोना के मामले घटे गए हैं तो इन कर्मचारियों को नजरअंदाज किया जा रहा है। बता दें कि धर्मशाला अस्पताल में कॉन्ट्रेक्ट पर रखे करीब 35 कर्मचारियों को 2 महीने से वेतन नहीं दिया गया। इसके लिए उन्हें बजट न होने का हवाला दिया जा रहा है।
दो महीने बीत जाने के बाद भी जब कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया तो गुरुवार को ये कर्मचारी अपनी समस्या लेकर डीसी कांगड़ा निपुण जिंदल के पास पहुंचे। धर्मशाला अस्पताल में तैनात नर्स का कहना है कि कोरोना काल में जब हमें कॉन्ट्रैक्ट पर रखा गया था तो 12 हजार सैलरी बताई गई लेकिन 8 हजार के करीब ही दिया जाता था। लेकिन 2 महीने बीत चुके हैं और अब तक हमें सैलरी नहीं मिली है।
वहीं, इस मामले को लेकर धर्मशाला अस्पताल के एमएस राजेश गुलेरीया ने कहा कि मामला उनके ध्यान में आया है। सरकार को भी इस बारे में जानकारी दी गई है। आज सारा स्टाफ डीसी से मिला है जैसे ही बजट का प्रावधान होता है तो इन कर्मचारियों को सैलरी दे दी जाएगी।