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शिमला: संयुक्त व्यपार मंडल हिमाचल प्रदेश का गठन, सुनीता ठाकुर को सौंपी प्रदेश की कमान

पी. चंद, शिमला |

हिमाचल प्रदेश में व्यपारियों की समस्यों का निदान करने के लिए प्रदेश स्तर पर अब एक औऱ व्यपार मण्डल का पुनर्गठन किया गया है। संयुक्त व्यापार मंडल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा सुनीता ठाकुर को प्रदेश की कमान सौंपी गईं है। राष्ट्रीय संयुक्त व्यापार मंडल के महासचिव पीके भाई ने आज पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि   हिमाचल में कोई भी संगठन ऐसा नहीं है जो व्यापारियों के हितों की रक्षा कर रहा हो तथा व्यपारियों की समस्याओं को उठाने का प्रयास कर रहा हो।

उन्होंने कहा कि संयुक्त व्यापार मंडल का देश में 2001 में गठन हुआ है और अब  प्रदेश में भी कार्यकारणी का पुनर्गठन किया गया है। जिसमे सुनीता ठाकुर को हिमाचल के प्रदेशाध्यक्ष चुना गया है। उन्होंने कहा कि संगठन मे सभी वर्ग के व्यपारियों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। संगठन का मुख्य ध्येय व्यपारी वर्ग की समस्याओं को सरकार के समक्ष उठा कर व्यपारी वर्ग की समस्या का निदान करना है। चौदह राज्यों में व्यापार मंडल की प्रादेशिक इकाइयां कार्य कर रही हैं। हिमाचल में जल्द ही कार्यकारिणी का विस्तार कर दिया जाएगा।

महासचिव ने बताया कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है जिसका बोझ प्रदेश की जनता पर पड़ रहा है व्यापारी भी एक आम जन है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य का खर्चा चलाने के लिये केंद्र सरकार और वर्ड बैंक से लोन ले रही है। प्रदेश सरकार को एक पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए वर्ड बैंक के पास जाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को राजस्व की प्राप्ति नही हो रही है और राजस्व की प्राप्ति तभी सम्भव है जब व्यपारियों का समग्र विकास होगा। व्यपारी वर्ग के उत्थान को लेकर व्यपार मण्डल ने मुख्य सचिव को आठ सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा है।

वहीं, प्रदेश की नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष सुनीता ठाकुर ने कहा कि वह व्यपारियों की समस्याओं को हल करने का हर सम्भव प्रयास करेंगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय मे  व्यापारियों को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है । व्यापारियों की समस्याओं का निराकरण करने की कोशिश की जाएगी।उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के लिये प्रदेश सरकार ने कई प्रयास किये हैं लेकिन वो पर्याप्त नही है। उन्होंने कहा कि महिला उद्यमियो के लिए सरकार के लिये सरकार के कुछ नए पैकज लाने चाहिए क्योंकि जब बढ़ेगी महिला तब ही तो सुरक्षित होगी महिला।

उन्होंने बताया कि कि केवल राज्यस्तर पर ही व्यापारियों को नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के व्यापारियों को अपने साथ जोड़ा जाएगा। वहीं उन्होंने कहा कि रेहड़ी फड़ी वालों के लिए वेंडर जोन का निर्माण किया जाना चाहिए जिससे वह भी बेख़ौफ़ होकर रोटी कम सकें। उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारियों को 200 यूनिट तक फ्री बिजली प्रदान की जानी चाहिए।