Categories: हिमाचल

कांगड़ा: टांडा अस्पताल में आउटसोर्सिंग पर तैनात 32 नर्सों को बिना नोटिस नौकरी से हटाया

<p>कोरोना संकट काल की इस घड़ी में अपनी जान को जोखिम में डालकर कोरोना मरीजों को बचाने में जुटी डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा की 32 नर्सों को बिना किसी इतला के नौकरी से हटाने पर इन नर्सों में सरकार व कॉलेज प्रशासन के प्रति भारी रोष पैदा हो गया है। हटाई गई सभी नर्सें टांडा मेडिकल कॉलेज के आउटसार्सिस बैच नम्बर तीन से तालूक रखती हैं और उन सभी नर्सों का कार्यकाल लगभग एक साल का पूरा हो चुका है। नर्सौं में इस बात को लेकर भी रोष है कि उनके हाथों में थमाए गए पत्रों में टरमीनेट शब्द का प्रयाग किया है।</p>

<p>नौकरी से हटाई गई नर्सों को अंदर खाते यह भी कहा जा रहा है कि हम आपकी अर्जेस्टमेंट कर रहे हैं, जबकि जारी पत्र में साफ तौर पर नौकरी से बर्खास्त करने की बात कही गई है। इन नर्सों में इस बात की भी दुख है कि कोरोना संकट में नौकरी करने वालों को टरमीनेट किया जाएगा, यह सरकार व कॉलेज प्रशासन की कौन सी नई नीति है।</p>

<p>हटाई गई सभी नर्सों को ठेकेदार के द्वारा नौकरी पर रखा गया है, जबकि इन नर्सों का यह भी कहना है कि नौकरी से बर्खास्त करने से पहले उन्हे एक माह पहले क्यों सूचित नहीं किया गया। नर्सों ने इस बात को लेकर भी सरकार से प्रश्न किया है कि कमीशन के द्वारा 42 नर्सें टांडा मेडिकल कॉलेज में आई हैं तो सरकार ने क्यों नहीं उन्हे पिछले साल कोरोना संकट के समय नौकरी पर रखा। और अब जो ठेका प्रथा के द्वारा संकट की इस घड़ी में अपनी जान की परवाह न करते हुए नर्सें कार्य कर रही हैं उन्हे टरमीनेट किया जा रहा है। अब कोरोना के मामले कम हो रहे हैं तो सरकार हमें बाहर का रास्ता दिखा रही है। नौकरी से हटाई गई नर्सों का यह भी कहना है कि जिनकी पहुंच उपर तक है उनको नौकरी से नही हटाया गया है बीच-बीच से नर्सों को नौकरी से हटाया गया है।</p>

<p>आउटसार्सिस नर्सिस युनियन की प्रधान प्रियंका चौधरी, उप प्रधान मीनाक्षी शर्मा व सचिव कीर्ति कौंडल ने कहा कि अभी हटाई गई नर्सों को शीघ्र नौकरी पर वापस नहीं रखा तो उन्हें मजबूरन विरोध प्रर्दशन करने पर मजबूर होना पड़ेगा।</p>

<p>वहीं, इस संबंध में जब टांडा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. भानु अवस्थी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्हे कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि ठेकेदार के द्वारा रखी गई नर्सों को जरूरत पड़ने पर ही नौकरी पर रखा जाता है। कॉलेज प्रशासन को लगता है कि अब उनकी जरूरत कम है तो ठकेदार द्वारा उन्हे नौकरी से हटाया जाता है। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना संकट चला हुआ है तथा अभी नर्सों स्टाफ की जरूरत है। अभी नर्सों को हटाना मेरे हिसाब से तर्क संगत नहीं है।&nbsp;इस संबंध में जब ठेकेदार सुशील कुमार से फोन पर संपर्क करना चाहा तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।</p>

Samachar First

Recent Posts

चीन के ड्रोन बार-बार भारत में घुस रहे हैं, किन्नौर के विधायक का दावा

  Indo-China border security concerns: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में इंडो-चाइना बॉर्डर पर चीन…

2 hours ago

Kangra News: राज्यपाल ने किया वजीर राम सिंह पठानिया की प्रतिमा का अनावरण, वीरगति प्राप्त नायक को दी श्रद्धांजलि

  Wazir Ram Singh Pathania: कांगड़ा जिले के नूरपुर उपमंडल में शनिवार को राज्यपाल ने…

3 hours ago

Himachal: हिमाचल में शिक्षा मॉडल की पुनर्स्थापना की तैयारी: रोहित ठाकुर

रैत में अंडर-19 राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का समापन: शिक्षा मंत्री ने विजेताओं को किया…

3 hours ago

IGMC कैंसर सेंटर उद्घाटन पर सुक्‍खू-जयराम में सियासी तकरार

  Political Tension Escalates:  हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला…

3 hours ago

IGMC में टर्शरी कैंसर केयर सेंटर का उद्घाटन,  दो माह में लगेगी PET स्कैन मशीन

Shimla:  मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज IGMC शिमला में टर्शरी कैंसर केयर सेंटर का…

3 hours ago

द हंस फाऊंडेशन एमएमयू 2 बंजार द्वारा सामान्य चिकित्सा शिविर का अयोजन

एमएमयू इकाई 2 बंजार के द्वारा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कनौन में किशोरियों को सामाजिक…

7 hours ago