आयुर्वेद दैनिक वेतन भोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने अपने नियमितीकरण को लेकर डीसी कांगड़ा से गुहार लगाई है। साथ ही चतुर्थ श्रेणी महासंघ ने डीसी कांगड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा है। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष तरसेम कुमार ने डीसी कांगड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे अपने मांग पत्र में मांग उठाई है कि सरकार उन्हें जल्द से जल्द नियमितीकरण का तोहफा प्रदान करें। अन्यथा आयुर्वेद दैनिक वेतन भोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जल्द सरकार के खिलाफ जिला मुख्यालय डीसी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
तरसेम का कहना है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पिछले 21 वर्षों से आयुर्वेद विभाग में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। बावजूद इसके न तो विभाग न ही सरकार ने उन्हें नियमित करने की जहमत उठाई है। तरसेम ने यह भी कहा कि कुछ कर्मचारी ऐसे हैं जो बिना नियमित हुए सेवानिवृत्त हुए हैं और कुछ कर्मचारी नियमितीकरण की आस में स्वर्ग सिधार गए हैं।
उन्होंने कहा कि 60 साल की आयु में रिटायर होने के बाद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करने में असमर्थ हैं। अन्य विभागों में 5 वर्ष से 1 वर्ष के 240 दिन पूर्ण करने पर नियमित किया जाता है। शिक्षा विभाग में 8 वर्ष का और 5 वर्ष दैनिक वेतन भोगी पद पर कार्यकाल पूर्ण करने पर नियमित किया जाता है। लेकिन आयुर्वेद विभाग में प्रदेश सरकार के नियमों और शर्तों को पूरा करते हुए 21 वर्षों की सेवा देने के उपरांत आज तक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नियमित नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिन विभागों में रिक्त पदों की कमी थी उन कर्मचारियों को अन्य विभागों के रिक्त पदों पर नियमित किया गया। परंतु आयुर्वेद विभाग में कैबिनेट के माध्यम से न तो इन रिक्त पदों को भरा गया और न ही अन्य विभागों में रिक्त पदों को नियमित किया गया।