जिला कांगड़ा के उपमंडल फतेहपुर की पंचायत स्थाना से आजाद हिंद फौज के सिपाही के परिवार पर अभी तक भी शासन व प्रशासन रहमत नहीं बरसा पाया है । बता दें अभी तक भी आजाद हिंद फौज के सिपाही का परिवार सुविधाओं से बंचित रहा है । स्थाना गांव से स्वर्गीय प्रीतम सिंह की तो प्रीतम सिंह परिवार के सदस्यों व कागजात अनुसार आजादी से पूर्व सन 1941 में भर्ती हुआ था । जो भर्ती होने के बाद आजाद हिंद फौज में शामिल हो गया था औक सन 1946 में घर आ गया था और जिसकी मृत्यु सन 1955 में हो गई । लेकिन अभी तक उसके जीवित रहते और मरणोपरांत उसके परिवार को कोई भी सहायता नहीं मिल पाई ।
स्वर्गीय प्रीतम सिंह के बेटे रूप लाल ने बताया कि उन्होंने कई बार भारत सरकार और प्रदेश सरकार के साथ -साथ स्थानीय विधानसभा प्रतिनिधियों के साथ पत्राचार भी किया लेकिन हर जगह से उन्हें आश्वासन ही मिलते रहे । उन्होंने कहा कि यहां तक पंचायत ने भी उनके परिवार को आर्थिक मदद मिले इसके लिये अनापति प्रमाण पत्र भी दिए हैं । लेकिन फिर भी न तो भारत सरकार और न ही प्रदेश सरकार ने उन्हें अभी तक राहत पहुंचाई है ।
उन्होंने बताया की बैंगलूर से सन 1987 में मात्र 300 रूपये राहत परिवार तक पहुंची है । वहीं 95 वर्षीय हिन्द फ़ौज सिपाही की वीरनारी सुमित्रा देवी जो कान से सुन नहीं सकती हैं । आज भी उनकी आंखें उन पत्राचार के कागजों को देखकर पथरा जाती हैं। वहीं, सामाजिक संस्थाओं ने कहा उक्त परिवार को न्याय दिलवाने के लिये उन्हें अगर शिमला या दिल्ली भी जाना पड़ा तो भी वह हिन्द फ़ौज के सिपाही के परिवार को न्याय दिलवाने से पीछे नहीं हटेंगे ।