जिला कांगड़ा में नौवीं और बारहवीं के बच्चों में एनीमिया की स्थिति को दर्शाने वाले आंकड़ों को लेकर अभी तक कोई एक राय नहीं बन सकी है। ऐसे में एनीमिया की वास्तविक स्थिति को जानने के लिए जिला कांगड़ा स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक सर्वेक्षण करवाया जा रहा है। यह सर्वेक्षण जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल की अध्यक्षता में किया जाएगा।
सर्वेक्षण में रैंडम सैंपलिंग के आधार पर 100 सरकारी एवं निजी स्कूलों का चयन किया जाएगा। इस सर्वेक्षण के तहत नौवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं का ही चेकअप किया जाएगा। सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत 32 टीमें एनीमिया की जांच करेंगी। एक माह के भीतर यह टीम सर्वे पूरा करके राज्य सरकार को इसकी रिपोर्ट भेज दी जाएगी। जरूरी होने पर राज्य सरकार इस रिपोर्ट को केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को भी भेज सकती है।
जिला कांगड़ा के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विक्रम कटोच ने बताया कि एनीमिया की स्थिति को समझने के लिए अलग-अलग स्रोतों से आंकड़े उपलब्ध होने के बावजूद इन पर कोई एक राय बना पाना मुश्किल हो जाता है। स्वास्थ्य विभाग एनीमिया की स्थिति को जानने के लिए जिला स्तर पर सर्वेक्षण का आयोजन करवा रहा है। इस सर्वे में जो निष्कर्ष निकलेंगे, वह एनीमिया की समस्या को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण सूचना उपलब्ध करवाएंगे।