खाकी का ख़ौफ तो हर कोई जानता है लेकिन हिमाचल की पुलिस अब इस छबि को बदलने की ठान चुकी है। शायद यही वजह है कि अब कांगड़ा पुलिस तीन दिन के सख्त प्रशिक्षण से गुजर रही है। इस बार पुलिस कर्मचारियों का ये प्रशिक्षण प्रदेश के किसी पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में नहीं बल्कि धर्मशाला के एसपी कार्यालय के मेन हॉल में चल रहा है। यहां पुलिस कर्मचारियों को टूरिज़्म डिपार्टमेंट के इंस्ट्रक्टर, कॉलेज़ के प्रोफेसर और खुद पुलिस डिपार्टमेंट के आला अधिकारी पुलिस कर्मचारियों को टूरिस्ट फ्रेंडली बनाने के लिए प्रशिक्षित करेंगे।
पुलिस के आला अधिकारियों की माने तो हिमाचल देवी-देवताओं की धरती है यहां कुदरत ने खूबसूरती की आकूत संपदा बख्शी है। यहां के गगनचुंबी पहाड़ हर साल लाखों सैलानियों को यहां खीच लाते हैं। सैलानियों को हिमाचल में सुरक्षा और सही मार्गदर्शन देना पुलिस की ड्यूटी होती है। बावजूद इसके कई बार सैलानी हिमाचल से पुलिस के रवैये से संतुष्ट नहीं होते और दोबारा यहां आने से तौबा कर जाते हैं। इस धारणा को खत्म करने के लिए पुलिस विभाग ने अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की ठानी है और तीन दिन तक यही सिखाने की कोशिश की जाएगी कि कैसे टूरिस्ट फ्रैंडली बनना है।
इसके साथ ही पुलिस के मुलाजिमों को ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वाले पर्यटकों के साथ भी कैसे पेश आना है। उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचने में कैसे मदद करनी है ताकि वो बार-बार हिमाचल आना पसंद करें और दूसरों को भी प्रेरित करें। इतना ही नहीं हिमाचल में आने वाले पर्यटकों से बाद में पुलिस जाते हुए फीड बैक भी क्लेक्ट करेगी कि उनका हिमाचल दौरा कैसा रहा खास तौर पर पुलिस का व्यवहार कैसा था इस पर भी फीड बैक ली जाएगी।
हिमाचल पुलिस के नोर्थ जोन के डीआईजी संतोष पटियाल की माने तो पर्यटकों की फीड बैक को सार्वजनिक भी किया जाता रहेगा और उनका रेस्पांस अच्छा रहता है तो पुलिस के कर्मचारियों को भी सम्मानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। अगर किसी कर्मी का व्यवहार नकारात्मक रहा तो उसके खिलाफ अनुशास्नात्मक कार्रवाई करने से भी पुलिस गुरेज नहीं करेगी।