जिला कांगड़ा में स्थित गोपालपुर चिड़ियाघर लोगों के लिए एक पर्यटनीय स्थल है। यहां लाए गए हिरण प्रजाति के नर चिंकारा ने 10 दन में दम तोड़ दिया है। इस चिंकारा हिरण को दस दिन पहले ही वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने हरी झंडी दिखाकर पिंजरे से बाडे में छोड़ा था। हिरण की मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। चिड़ियाघर प्रशासन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार है। जिसके बाद ही पता चलेगा की मौत केसे हुई है।
बताया गया की जानवर अदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत हरियाणा के भिवानी चिडि़याघर से करीब 25 दिन पहले 3 साल के नर हिरण को और 3 साल की मादा हिरण को गोपालपुर में लाया गया था। इसके बदले में भालू का जोड़ा वहां भेजा गया था। चिंकारा गर्म इलाके का जानवर है। तो इसे सर्दियों में क्यों लाया गया। 14 दिंसबर को वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने हरी झंडी दिखाकर शेर, शेरनी और साथ ही इस जोड़े को पिंजरे से निकालकर बाड़े में छोड़ा था। अचानक नर चिंकारा की मौत होने से कई सवाल उठ रहे हैं। चिंकारा हमेशा झुंड में रहता है। दो चिंकारा को यहां लाना समझ से परे है। अब मादा हिरण अकेली रह पाएगी इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। नर हिरण की मौत के बाद विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है।