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कांगड़ा: लापात नाबालिग का एक महीने बाद भी नहीं मिला कोई सुराग, पुलिस अधीक्षक ने दिया आश्वासन

मृत्युंजय पुरी |

जबरदस्ती लड़की को उठाने के मामले में जिला कांगड़ा की ज्वाली पुलिस के हाथ एक महीने के बाद भी खाली हैं। ज्वाली पुलिस ने मात्र मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई के लिए पीड़ितों को लाईन में लगा दिया है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पुलिस ने इस मामले के एक महीने बाद भी नाबालिग लड़की को खोजने के लिए कोई अगली कार्रवाई अमल में लाई ही नहीं है। मंगलवार को जिला पुलिस अधीक्षक के पास समाजसेवी संजय शर्मा के नेतृत्व में पीड़ित परिवार ने पुलिस अधीक्षक के सामने पूरे मामले को चरणबद्ध तरीके से रखा। इस पूरे मामले को जांचने के बाद पुलिस अधीक्षक ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

मामले से जुड़े पीड़ितों का कहना है कि 28 जनवरी 2019 को ज्वाली थाना के तहत पड़ते क्षेत्र में नाबालिग लड़की को जबरदस्ती उठाकर ले जाने का मामला थाना में दर्ज करवाया गया था। इस मामले में कौन लोग संल्पित हैं इसकी जानकारी भी बकायदा पीड़ितों ने संबंधित थाना पुलिस को दी थी, लेकिन एक महीने से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी पुलिस इस मामले में कुछ नहीं कर पाई है। बार- बार पीड़ितों ने थाने में जाकर इस संबंध में कई बार संबंधित कर्मचारियों को इस मामले की जानकारी दी।

पीड़ितों ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जिस गाड़ी में उनकी नाबालिग लड़की को उठाया गया है उसका नंबर तक उन्होंने पुलिस को दिया है लेकिन बावजूद इसके भी पुलिस ने गाड़ी को अपने कब्जे में लेना भी जरुरी नहीं समझा। पीड़ितों ने बताया कि इस मामले में संलिप्त व्यक्ति उन्हें या तो मामले को वापिस लेने का दबाव बना रहे हैं और उन्हें डराया धमकाया जा रहा है, यहां तक की पीड़ितों के घरों पर पत्थर भी फैंके जा रहे हैं।

पीड़ितों का कहना है कि FIR के बाद भी उन्होंने एक प्रार्थना पत्र थाना ज्वाली में दिया था ताकि इस पूरे मामले को सुलझाया जा सके। पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि अगर उनकी नाबालिग लकड़ी को कुछ होता है तो उसकी सारी जिम्मेदारी संबंधित पुलिस थाना की होगी। इस पूरे मामले पर पुलिस अधीक्षक संतोष पटियाल ने कहा कि उन्होंने पूरे मामले को गंभीरता से जाना है और इस मामले में संलिप्त लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। अगर पुलिस इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है तो उस पर भी सख्त कार्रवाई संबंधित कर्मियों के खिलाफ की जाएगी।

बता दें कि डीआईजी सन्तोष पटियाल ने इस मामले को सुलझाने के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है 5 दिन में मामले को सुलझाने की बात कही है।