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कांगड़ा: प्रदेश के 80 हजार NPS कर्मचारियों को नए साल में सरकार द्वार मांग पूरी करने की उम्मीद

समाचार फर्स्ट डेस्क |

नई पेंशन स्कीम कर्मचारी एसोसिएशन के प्रधान राजेंद्र मन्हास ने कहा कि नए साल में हिमाचल के 80 हजार कर्मचारियों को जयराम सरकार से काफी आशाएं है। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में प्रदेश सरकार ने एनपीएस कर्मचारियों को दिया जाने वाला सरकारी शेयर 10% से बढ़ाकर 14% किया है। लेकिन अभी भी 80 हजार नई पेंशन स्कीम के कर्मचारियों की बहुत सी मांगे पूरी नहीं हो पाई हैं। जिसमें केंद्र सरकार की 2009 की अधिसूचना को हिमाचल में लागू करना इन कर्मचारियों की प्रमुख मांग है। जिसके तहत सेवा के दौरान कर्मचारी के दिवंगत या अपंग होने पर परिवार को पेंशन का प्रावधान हैं।

कांगड़ा जिला प्रधान ने कहा कि पिछले दो साल में लगभग 40 कर्मचारियों की सेवा के दौरान मृत्य हुई है। उनके परिवार को उन कर्मचारियों का एनपीएस का जमा पैसा भी 20% ही एनएसडीएल ने वापस किया और 80% पैसे का दिवंगत कर्मचारी के परिवार को पेंशन प्लान खरीदने पर मजबूर किया गया। जिसमें नाममात्र ही पेंशन उस परिवार को मिल पाई। उन्होंने कहा कि केंद्र अपने एनपीएस कर्मचारी के परिवार को पेंशन दे रहा है। जबकि उतर प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार ने यह लाभ जारी कर दिए हैं। तो ऐसे में कर्मचारियों को भी आशा है कि प्रदेश सरकार यह लाभ नए साल में जरूर जारी करेगी ।

राजेंद्र मन्हास ने कहा कि इसके साथ बीजेपी के दृष्टि पत्र में भी वायदा किया गया था कि सत्ता में आते ही पुरानी पेंशन बहाली हेतु एक कमेटी फ्रेम की जाएगी जो केंद्र से पेंशन बहाली के बारे में बात करेगी। लेकिन पिछले दो सालों में यह भी नहीं हो पाया । जबकि पड़ोसी राज्य जहां कांग्रेस सत्ता में है वहां कमेटी का गठन हो गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की प्रदेश सरकार इस कमेटी का गठन भी जल्द नए साल में करेगी। इसके साथ उन्होंने कहा कि ग्रेजुटी का लाभ भी 2003 से अगस्त 2017  के दौरान रिटायर हुए कर्मचारियों को अभी तक नही मिल पाया है। जबकि कांग्रेस सरकार ने 2017 से इसे लागू किया तो पिछले कर्मचारी इस लाभ से वंचित रह गए। उन रिटायर कर्मचारियों को भी आशा है कि मुख्यमंत्री यह लाभ उन्हें प्रदान करेंगे।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हर वर्ग को पिछले 2 साल में लाभ दिए हैं। लेकिन नई पेंशन स्कीम के 80 हजार कर्मचारी अभी भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं कि अगर सेवा के दौरान उन्हें कुछ हो जाए तो परिवार का पीछे क्या होगा। इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग रखी है कि नए साल में उपरोक्त मांगो को पूरा करे जिससे प्रदेश की उन्नति में कर्मचारी खुल कर सहयोग कर सकें और उनमें असुरक्षा की भावना ना रहे।