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कांगड़ा: सरकार की अनदेखी के चलते खतरे में पड़ा जयसिंहपुर के ऐतिहासिक मैदान का अस्तित्व

अजीत वर्मा |

जयसिंहपुर की दो ही जगह मशहूर हैं, एक ऐतिहासिक नौण और दूसरा जयसिंहपुर का ऐतिहासिक मैदान। स्थानीय पंचायत के प्रयासों से ऐतिहासिक नौण का सौन्दर्यकर्ण कर उसकी दसा तो बदल दी गई लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण ऐतिहासिक मैदान का बजूद खतम होने के कगार पर है। हालांकि जयसिंहपुर के ऐतिहासिक मैदान का इस्तेमाल हर छोटे बड़े आयोजन से लेकर होली मेला, दशहरा आदि में होता है और हर वर्ष इसी मैदान से लाखों की कमाई प्रसासन द्वारा की जाती है। लेकिन शासन प्रशासन का जब दिल कर्ता है जहां दिल करता है वहां पर मैदान को खोदना शुरू कर देता है ।

लगभग तीन साल पहले भी विभाग द्वारा मैदान में स्टेडियम के साथ कंकरीट का वॉलीबॉल कोर्ट बनाने के लिए दो फीट गहरा लगभग पांच सौ स्क्वेअर फीट तालाब के आकार का गड्ढा खुदवा दिया था । लेकिन लोगों के विरोध के चलते बाद में जिसका काम बंद कर दिया गया । लेकिन सरकार बदलने के बाद मौजूदा स्थान पर खेल कोर्ट न बनाकर हरियाली वाली खाली जगह पर खेल कोर्ट बनाए जा रहे हैं जिसको लेकर एक बार फिर स्थानीय लोग विरोध में खड़े हो गए हैं। हालांकि मैदान में पहले से बने खेल कोर्ट अपनी दुर्दसा पर आंसू बहा रहे हैं तो ऐसी परिस्थिति में नया कोर्ट बनाकर सासन प्रसासन क्या साबित करना चाहता है।

जयसिंहपुर के ऐतिहासिक मैदान में बन रहे बालीबाल कोर्ट ने राजनितिक मुद्दे का रूप ले लिया है। जहां लोगों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है वहीं, सासन प्रसासन भी अपने फैसले पर अडिग है। जहां एक तरफ इस सारे घटना कर्म को कुछ लोग पार्टीबाजी से जोड़ कर देख रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा के समर्थक अंदरखाते विरोध तो कर रहे हैं लेकिन खुलकर सामने नहीं आना चाहते ।

स्थानीय लोगों की भावनाओं को दरकिनार करते हुए सासन प्रसासन ने आंखें मूंद रखी हैं। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि सासन प्रसासन ने इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है। जिस कारण लोगों की भावनाओं की कीमत पर खेल कोर्ट का निर्माण कार्य करने से भी गुरेज नहीं किया जा रहा है । आने वाले समय इस ऐतिहासिक मैदान में और क्या क्या निर्माण कार्य होंगे इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। प्रदेश के गिने चुने मैदानों में शुमार जयसिंहपुर का ऐतिहासिक मैदान आने वाले वाले समय में सासन प्रशासन की मनमर्जी से कंक्रीट का मैदान बनने की और अग्रसर है ।
 
गौरतलब है कि जयसिंहपुर के ऐतिहासिक मैदान में बास्केटबाल , बालीबाल , बेडमिन्टन कोर्ट व् पेवर लगना प्रस्तावित है । लेकिन पहले से मौजूद स्थान पर यह कार्य न होकर मैदान के साफ़ सुथरे व् हरियाली वाले स्थान पर काम शुरू होने से लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया तथा काम रुकवाने के लिए लोग इकठ्ठे होकर एस डी ओ पी डव्लयु डी व् एस डी एम् से भी मिल चुके हैं ।

वहीं, समाजसेवी सुशील कॉल का कहना है कि प्रदेश में कुछ चुनिन्दा स्थानों में से एक है जयसिंहपुर का ऐतिहासिक मैदान जिसको सासन प्रसासन संरक्षित करने के स्थान पर विखेरने पर उतारू है । मैदान में बन रहे बालीबाल कोर्ट के लिए गलत स्थान का चयन किया गया है। इस स्थान पर वॉलीबॉल कोर्ट बनने से टूर्नामेंट के दौरान तहसील कार्यालय होने में होने वाले सरकारी कामकाज में बाधा उत्पन्न होगी । प्रस्तावित स्थान के साथ दर्शकों के बैठने के लिए कोई वयवस्था नहीं है। हालांकि पहले बने खेल कोर्ट के साथ पहले से ही स्टेडियम बना हुआ है जहां बैठने की व्यवस्था है । कॉल ने सासन प्रसासन से मांग की है कि स्थानीय निवासियों को विश्वास में लेकर कोर्ट का निर्माण किया जाए ।