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कांगड़ा की महिला ने दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास के बूते बनाई अलग पहचान

समाचार फर्स्ट डेस्क |

कांगड़ा जिला के धर्मशाला तहसील में स्थित है नन्देहड़ गांव महिला स्नेहलता ने दृढ़ निश्चय औरआत्मविश्वास के बूते अपनी अलग पहचान बनाई है। अपनी मेहनत द्वारा किये जा रहे कार्य के कारण वे और लोगों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बनी हुई हैं।  स्नेहलता ने जिदंगी की तमाम बाधाओं को पार करते हुए अपने घर की आर्थिक स्थिति को बदल डाला है और एक नई सामाजिक पहचान बनाई है। बाहरवीं कक्षा तक पढ़ी 33 वर्षीय स्नेहलता करीब 10 साल पहले विवाह कर जब नन्देहड़ गांव में अपने ससुराल आई थीं, उस समय घर की आर्थिक स्थिति कुछ ज्यादा अच्छी नहीं थी। स्नेहलता के परिवार का मुख्य व्यवसाय खेतीबाड़ी एवं सब्जी उत्पादन है। उन्होंने अपने परिवार के साथ खेतीबाड़ी के काम में हाथ बंटाना शुरू कर दिया, लेकिन नकदी फसलें लगाने की जानकारी एवं ज्ञान के अभाव में उनके प्रयास बहुत सफल नहीं रहे।

ऐसे में स्नेहलता को पंजाब नैशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा नन्देहड़ में लगाए गये जागरूकता शिविर से संस्थान के द्वारा करवाए जाने वाले निःशुल्क प्रशिक्षण कायक्रमों की जानकारी मिली। स्नेहलता इस जागरूकता शिविर से प्रेरित हुई जिससे उसने अपने गांव की महिलाओं को संस्थान द्वारा उनके गांव में प्रशिक्षण कार्यक्रम करवाने के लिए विचार विमर्श किया। उन्होंने संस्थान से गांव में प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए आग्रह किया। संस्थान द्वारा कुछ समय के पश्चात उनके गांव में सब्जी नर्सरी प्रबंधन एवं उत्पादन की टेªनिंग शुरू करवाई गई।  इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से इनके आत्मविश्वास में वृद्वि हुई। जिससे उन्हें पता चला कि सब्जी की खेती कैसे की जाती है व सब्जी में होने वाली बीमारियों की रोकथाम कैसे की जाए तथा सब्जी के उत्पादन को कैसे बढ़ाया जा सकता है।

स्नेहलता का कहना है कि उनके लिए यह प्रशिक्षण बहुत उपयोगी साबित हुआ। इस दौरान उन्होंने खेतीबाड़ी की उन्नत तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने नकदी फसलों की खेती करने की विधि के बारे में भी पूरी जानकारी ली। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत उन्होंने 10 हजार रूपये की पूंजी लगाकर सब्जियों का उत्पादन शुरू किया। इसके उपरांत हिमाचल ग्रामीण बैंक की शाखा मटौर से 50 हजार रुपये का ऋण लिया। मेहनत और प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान के बूते देखते ही देखते दिन बदलने लगे। आज वे सब्जियों को पास की ही दुकानों में बेच देती हैं तथा कुछ सब्जियां को सब्जी मंडी धर्मशाला में भेज देते हैं। इस तरह वह हर महीने लगभग 8 हजार रूपये कमा रही हैं।

स्नेहलता के पति रघुवीर सिंह का कहना है कि स्नेहलता के आत्मविश्वास ने उनके परिवार की जिन्दगी बदल दी है। पंजाब नैशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक महेन्द्र शर्मा बताते हैं कि संस्थान जरूरतमंद एवं इच्छुक लोगों को स्वरोजगार आरम्भ करने के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण देता है, ताकि वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ एवं आत्मनिर्भर हो सकें। वे बताते हैं कि संस्थान 18 से 45 वर्ष तक की महिलाओं और पुरूषों को डेयरी फार्मिंग, खुम्ब उत्पादन, सब्जी नर्सरी प्रबंधन और सब्जियों की खेती, आलू एवं प्याज की खेती और प्राकृतिक संरक्षण, अचार और पापड़ बनाना, खिलौने बनाना, डुने पत्तल बनाना, कपड़े के बैग बनाना तथा मोबाईल रिपेयरिंग जैसे विभिन्न रोजगारपरक व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण की समाप्ति पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र दिए जाते हैं, जिसके द्वारा वे स्वरोजगार हेतु जिला कांगड़ा के किसी भी बैंक से ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

क्या कहते हैं जिलाधीश

जिलाधीश कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति का कहना है कि सभी जिलावासियों विशेषकर युवाओं एवं महिलाओं को स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने पर बल दिया जा रहा है, ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। प्रशासन के इन प्रयासों में पंजाब नैशनल बैंक के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण जैसे संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जो बेहद सराहनीय है। इस प्रकार के प्रशिक्षणों से लोग क्षेत्र विशेष के लिए आवश्यक ज्ञान प्राप्त कर एवं कौशल विकास से स्वरोजगार अपनाकर स्वावलंबन की राह पर आगे बढ़ें हैं। उनका कहना है कि जिला प्रशासन लोगों को स्वरोजगार आरम्भ करने के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।