<p>देश में लागू होने वाली नोटबंदी के दो साल होने जा रहे हैं। उस दौरान लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। इस दौरान नोट बदलने का क्रम सभी बैंकों के जरिए हुआ। जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश का केसीसी बैंक उन टॉप 10 सहकारी बैंकों में शुमार है जहां से बसे ज्यादा नोट बदले गए।</p>
<p>नाबार्ड के तहत ली गई सूचान के मुताबिक जिन टॉप 10 सहकारी बैंकों में नोटबंदी के दौरान सबसे ज्यादा पैसे बदले गए उनमें कहीं ना कहीं राजनीतिक हस्तक्षेप रहता है। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा बैंक में भी कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस समर्थित शख्स चेयरमैन होता है। जब नोटबंदी हुई तब केसीसी बैंक के अध्यक्ष कांग्रेस समर्थित थे और उस दौरान क़रीब 542 करोड़ रुपये बदले गए थे।</p>
<p>इस मामले में बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश सिपहिया का कहना है कि नोटबंदी के दौरान केसीसी बैंक से 542 करोड़ रुपये बदले गए। चूंकि, बैंक में अधिकतर किसानों और बागवानों के जरिए लेन-देन होती है। इसलिए मनी एक्सचेंज ज्यादा हुआ।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>केसीसी बैंक में हुआ घोटाला: मनकोटिया </strong></span></p>
<p>केसीसी बैंक में नोटबंदी के दौरान सबसे ज्यादा नोट बदलने की घटना पर रसील सिंह मनकोटिया ने हमला बोला है। बीजेपी समर्थित पूर्व अध्यक्ष रसील सिंह मनकोटिया ने कहा कि बैंक में जिनके नोट बदले गए वे बागवान नहीं बल्कि किसी और घोटाले के हैं। उन्होंने कहा कि अगर 542 करोड़ रुपयों की न्यायिक जांच करायी जाए तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।</p>
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