हिमाचल प्रदेश में केसीसी बैंक परीक्षाएं गड़बड़ियों के चलते लगातार चर्चाओं में है। एचपी बोर्ड द्वारा करवाई जा रही इन परीक्षाओं में पिछले कल यानी शनिवार को भी कई स्टूडेंट्स के साथ नाइंसाफी हुई, जबकि आज रविवार को भी सैकड़ों स्टूडेंट्स को बोर्ड की लापरवाही का हरजाना भरना पड़ा।
दरअसल, रविवार को लिखित परीक्षा के दौरान मंडी के वल्लभ कॉलेज में एक हजार परिक्षार्थी पेपर देने पहुंचे थे। जब वे पेपर देने के लिए अपने स्थानों पर बैठे तो उनमें से 80 प्रतिशत स्टूडेंट्स को प्रशन पुस्तिका ही नहीं मिली, क्योंकि एग्जाम सेंटर में केवल 200 प्रशन पुस्तिकाएं ही मिली थी। बोर्ड की इस लापरवाही से कॉलेज अध्यापकों का रोष भी पनपा और स्टूडेंट्स ने भी बोर्ड के खिलाफ हल्ला बोल दिया है।
हालांकि, बाद में कॉलेज अध्यापकों ने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचते हुए आस-पास के एग्जाम सेंटर्स से पुस्तिकाएं मंगवाई, लेकिन इसके बाद केवल 400 बच्चे ही परीक्षाएं दे पाए। बाकी बचे लगभग 600 स्टूडेंट्स काफी देर इंतजार करने के बाद क्लासिज़ से बाहर आ गए और बोर्ड के खिलाफा नारेबाजी करने लगे। इनमें से कई लोग स्पेशल अपनी नौकरियों से छुट्टी लेकर यहां पेपर के लिए आए थे, लेकिन बोर्ड की एक और लापरवाही उनका वक्त और पैसा दोनों खा गई।
इस लापरवाही के बाद बोर्ड पर सवाल भी खड़ा होता है कि आखिरकार 600 स्टूडेंट्स पेपर नहीं दे पाए तो उनके पैसे क्या वापस कर दिये जाएंगे। अगर नहीं तो, आपको बता दें कि यदि 600 बच्चों से एक-एक करके 600 रुपये वसूले गए हैं तो उसके हिसाब से बोर्ड करीब 6 लाख की चोरी करेगा। सवाल ये है कि इन स्टूडेंट्स के साथ क्या होगा..??
बताते चलें कि हिमाचल प्रदेश एजुकेशन बोर्ड की इससे पहले भी कई गलतियां पेश में आ चुकी हैं। कई लोगों और नेताओं ने बोर्ड से पेपर करवाने को इंकार भी किया था, लेकिन इसके बावजूद भी पेपर में ऐसी गड़बड़िया केवल बोर्ड की लापरवाही का कारण है। बोर्ड केवल स्टूडेंट्स के पैसे लेकर बदले में उन्हें दोखा दे रहा है।