हिमाचल प्रदेश अपने सादे व्यंजन के लिए मशहूर है। पूरे प्रदेश में कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं जो खास तौर पर वहां के मौसम के आधार पर परोसे जाते हैं। वहीं सर्दियां शुरू होते ही हिमाचली खाद्य व्यंजन में खट्टा एक अपने आप में सबसे अनूठा व्यंजन है। प्रदेश में जब सर्दियों के दिन खासकर महिलाएं जब घरेलू कामों से कुछ समय के लिए फ्री होती हैं तो धूप सेंकने के साथ- साथ इस खास तरह के व्यंजन का लुत्फ उठाया जाता है।
खट्टे के गुण
खट्टा ( गलगल) नींबू प्रजाति का पौधा है। इसके फल बड़े बड़े होते है। पौधा बीज और कलम दोनों से लगाया जाता है। मार्च अप्रैल में इसमें सुगंधित फूल खिलते हैं। प्रदेश में इसे 'खट्टा' के नाम से जाना जाता है। ये विटामिन सी से भरपूर होने के कारण सर्दी जुकाम नहीं होने देता। लेकिन खट्टे स्वाभाव के कारण जारी जुकाम में हानिकारक है।
कैसे बनाएं हिमाचली खट्टा
तो आइए आज हम सीखें की इस लजीज व्यंजन को हम घर में कैसे बना सकते हैं। सबसे पहले दो- तीन खट्टे लें। उनके बाहरी छिलके को निकाल लें। निकाले हुए छिलकों को न फैंके। इनका इस्तेमाल व्यंजन के तैयार होने पर करेंगे। ध्यान रहें जब भी छिलका निकालें तो उसे ऐसे तरीके से काटे की बाउल की शेप आए।
खट्टे के छिलके निकालने के बाद, उसके छोटे-छोटे पीस कर लें। ध्यान रखें की खट्टे का छिलका उतारने पर इसे ज्यादा देर धूप में न रखें नहीं तो खट्टे में कड़वापन आ जाएगा।
अब खट्टे के लिए मसाला तैयार कर लें। मसाले के लिए आप हरी मिर्च या सूखी, हरा धनिया, पूदीने के पत्ते, नमक को कुंडी-डंडे में पीस लें।
अब मसाले को खट्टे में मिक्स कर लें। मिक्स करने के बाद खट्टे से निकालें हुए छिलकों का खट्टा सर्व करने के लिए इस्तेमाल करें। अर्रररा… तू ता खट्टे दी आद दुआती….मुंहे च पाणी ओदा.. 😉