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कूहलें हमारी जीवन रेखाएं, 2 कूहलों के सुधारीकरण पर खर्च हो रहे 666 लाख : परमार

मृत्युंजय पूरी |

विधानसभा अध्यक्ष, विपिन सिंह परमार ने शुक्रवार को सुलह हलके की दो मुख्य कूहलों के सुधारीकरण कार्य का मौक पर पहुंचकर जायजा लिया। उन्होंने कहा कि कूहलें किसानों के लिए जीवन रेखाएं हैं, जिनसे किसानों के खेत को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होती है। प्रदेश के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती-बाडी है और हमारे बुजुर्गों ने खेतों तक पानी पहुंचाने के लिये कड़ी मेहनत से कई किलोमीटर कूहलों का निर्माण किया था।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार इन कूहलों का रख-रखाव कर हर खेत को सिंचाई सुविधा देने के लिये प्रयासरत है। प्रदेश सरकार कूहलों के रख-रखाब और निर्माण पर करोड़ों रुपये व्यय कर किसानों के खेत तक सिंचाई सुविधा उपलब्ध कर उनकी आर्थिकी को मजबूत किया है। कूहलें प्रदेश की धरोहर हैं और इन्हें सहेजने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने आज परौर खास, खरौठ, बल्लाह गांव को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने वाली कथूल कूहल का ग्राम पंचायत हंगलोह के री गांव में उदगम स्थल पर जाकर जायजा लिया। न्यूगल खड्ड से निकलने वाली कथूल कूहल के विस्तार और सुधार पर 2 करोड़ 6 लाख रुपये व्यय किये जा रहे हैं। इस कुहल से 106 हेक्टेयर (3 हजार कनाल) क्षेत्रों को सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी।

इसके उपरांत विधानसभा अध्यक्ष ने ग्राम पंचायत जिया/बड़सर में बनेर खड्ड से निकलने वाली कथुल कुहल डिगर डाया का भी निरीक्षण उदगम स्थल पर जाकर किया। उन्होंने कहा कि कूहल के सुधारीकरण कार्य से दरंग, धोरण और घनेटा के 273 हेक्टेयर (6 हजार कनाल) भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। 4  करोड़ 60 लाख रुपये से बनने वालह यह कूहल लगभग एक माह में बनकर तैयार हो जायेगी। परमार ने कहा कि इन क्षेत्रों में पेयजल सुधार के लिए भी पुरानी पाईपों को बदलने के लिए पौने दो करोड़ रुपये व्यय किये जा रहे हैं। उन्होंने जल शक्ति विभाग को क्षेत्र की सभी कूहले सुचारू रूप से चलाने के दिशा-निर्देश जारी किये, ताकि किसानों को कठिनाई का सामना ना करना पड़े।

सुलह हलके को मिला पॉलिटेक्निक कॉलेज

परमार ने सुलह विधानसभा क्षेत्र के लिए पॉलिटेक्निक कॉलेज स्वीकृत करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि सुलह विधानसभा क्षेत्र को पॉलिटेक्निक कॉलेज के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों के 29 पद भी स्वीकृत होने से यहां पढ़ाई बेहतर तरीके से संचालित की जा सकेगी। सुलह क्षेत्र में बहुतकनीकी संस्थान की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करने का प्रयास किया गया है।