<p>प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र किन्नौर में पिछले पांच सालों में हाथ सेंकने में ही 6 करोड़ 57 लाख 43 हजार रुपये फूंक दिए गए। सर्दियों में यहां सुबह से शाम तक केरोसिन हीटर जलता है। जिला प्रशासन ने 15 अक्तूबर से 15 अप्रैल तक केरोसिन हीटर जलाने के आदेश जारी किए हैं। पांच सालों में सरकारी विभागों में साढ़े दस लाख लीटर केरोसिन तेल की खपत हुई है।</p>
<p>किन्नौर में राज्य सरकार, केंद्र सरकार और सहकारी बैंकों समेत लगभग 40 कार्यालय हैं जहां केरोसिन हीटर का इस्तेमाल होता है। गौरतलब है कि पहले सरकारी कार्यालयों में हाथ सेंकने के लिए कोयले की अंगीठी का इस्तेमाल होता था जिससे काफा मात्रा में प्रदूषण फैलता था। प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने हीटर शुरू किए गए, लेकिन यह सौदा काफी महंगा पड़ रहा है। सरकारी विभागों को केरोसिन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की और से दिया जाता है।</p>
<p>निगम के पूह और कल्पा ब्लॉक के प्रभारी जसवीर सिंह नेगी बताया कि किन्नौर में पांच वर्षों में 6,57,43,150 रुपये से 10,57,462 लीटर सफेद केरोसिन सरकारी विभागों को दिया जा चुका है। यह केरोसिन शिमला की कृष्ण कोल कंपनी की ओर से नागरिक आपूर्ति विभाग को सप्लाई किया जाता है। </p>
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