पहाड़ी राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। पहाड़ी राज्यों में घूमने आने वाले विदेशी पर्यटकों को अब स्पेशल प्रोटेक्टेड एरिया में परमिट लेने की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने शिमला में कहा कि पहाड़ी राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा मिले, इसलिए शुक्रवार को गृह मंत्रालय की बैठक में निर्णय लिया गया है कि हिमाचल, उतराखंड, लद्धाख जैसे क्षेत्रों में विदेशी पर्यटकों को प्रवेश के लिए अब स्पेशल प्रोटेक्टेड एरिया परमिट में छूट मिलेगी।
राज्य सरकारें अब केंद्रीय गृह मंत्रालय को बताएंगी कि कौन से संवेदनशील क्षेत्रों में पर्यटकों को पास की जरूरत है। संवेदनशील क्षेत्रों को छोड़कर पीएपी और आरएपी को खत्म करने का निर्णय लिया गया है।
हिमालयी राज्यों की सांझा रणनीति बनाने पर सहमति
हिमालयी राज्यों ने जलवायु परिवर्तन के साथ विकास कार्य को लेकर सांझा रणनीति बनाने पर सहमति जताई है। इसके लिए इन राज्यों की तरफ से केंद्र में अलग मंत्रालय बनाए जाने की मांग भी उठी है ताकि समस्याओं की शीघ्र सुनवाई हो सके। हिमालयी राज्यों को लेकर यहां आयोजित सम्मेलन में इस बात को लेकर सहमति बनी है। सम्मेलन में 2 केंद्रीय मंत्रियों राधामोहन सिंह और किरेन रिजिजू के अलावा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित 10 राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
किरन रिजीजू ने कहा कि दुनिया की सबसे मंहगी चाय अरूणाचल में है। हिमालयी राज्यों को विशेष फील्ड में ध्यान देने की जरूरत है। केंद्र सरकार से प्रस्ताव को पास करने के लिए पूरी मदद करेंगे। सुरक्षा के लिहाज से हिमालयी क्षेत्रों में आने से पहले पर्यटक पूछता है कि वंहा शांति है या नहीं हमें इस सोच को बदलना होगा।
हिमालय देश का ताज
रिजिजू ने कहा कि नार्थ ईस्ट क्षेत्र में केंद्र सरकार ने पिछले चार सालों में 80 फीसदी तक आतंकवाद और अलगाववाद को कम करने में कामयाबी हासिल की है ।दस राज्यों के प्रतिनिधियों से अपील की है कि आज पास किये रेसोल्यूशन को गम्भीरता से अधयन्न करें और उसको लागू करने के लिए पूरी शक्ति के साथ जुट जाएं। सभी पहाड़ी राज्यों की विकास की रूप रेखा एक जैसी होंगी तो उनको समग्र रूप से लागू करने और इसके लिए प्रारूप तैयार करने की ज़रूरत है । रिजिजू ने कहा कि हिमालय देश का ताज है इसको बचाये रखने के लिए सभी को सांझा प्रयास रखना होगा। उम्मीद जताई कि इस कॉन्क्लेव में पास किये गए प्रस्ताव लागू करने की दिशा में सभी अपनी भागीदारी निभाने में पीछे नही हटेंगे ।