फोर्टिस कांगड़ा में घुटना रिप्लेसमेंट सर्जरी के लाजबाव परिणाम सामने आ रहें। जिन लोगों ने यहां सर्जरी करवाई वे मरीज अगले दिन से ही चलना फिरना शुरू हो गए। फोर्टिस कांगड़ा की एडवांस घुटना रिप्लेसमेंट तकनीक सुदर्शना राणा के लिए वरदान साबित हुई है। अस्पताल में सर्जरी के अगले दिन ही उन्होंने चलना शुरू कर दिया और तीसरे दिन ही डिस्चार्ज करके घर भेज दिया। वह भी बिना किसी सहारे ऑपरेशन भी ऐसा कि न तो दर्द हुआ, न ही खून चढ़ाने की जरूरत पड़ी। डॉक्टरों ने दोनों घुटनों के खराब हिस्से को ही तब्दील किया, जिसे पार्शियल नी रिप्लेसमेंट कहते हैं।
सुदर्शना राणा ने बताया कि उसके घुटनों की दर्द इतनी बढ़ गई थी कि जिंदगी का एक-एक पल जीना भारी लग रहा था। हर छोटे काम के लिए दूसरों पर निर्भर हो गई थी। घुटनों का यह दर्द उठने, बैठने और चलने पर तो था ही, बल्कि ये दर्द सोने पर भी कम नहीं होता था। इलाज भी बहुत करवाया, लेकिन कोई राहत नहीं मिल रही थी। दर्द निवारक दवाइयां खाने से अन्य गंभीर बीमारियों के होने का खतरा भी मंडरा रहा था। हालांकि विशेषज्ञ डॉक्टरों ने घुटने बदलने की सलाह दी थी। मगर डर था कि कहीं हालात और खराब न हो जाएं।
इस संबंध में फोर्टिस अस्पताल के विशेषज्ञ डॉ पीवी कैले ने कहा कि मरीज की सर्जरी एडवांस तकनीक से की गई है। उन्होंने बताया कि मरीज के घुटने का उतना ही हिस्सा बदला गया है, जितना कि खराब था। इस तकनीक को पार्शियल नी रिप्लेसमेंट कहा जाता है और इसके नतीजे बहुत कारगर रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से घुटना रिप्लेसमेंट देश के चुनिंदा सर्जन ही करते हैं। इस तकनीक से घुटना रिप्लेसमेंट सर्जरी फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा सहित देश के चुनिंदा अस्पतालों में उपलब्ध है।
वहीं मरीज सुदर्शना राणा ने कहा कि घुटना रिप्लेसमेंट से पहले हालांकि कई तरह की शंकाएं थीं, लेकिन सर्जरी के बाद सब शंकाएं निराधार साबित हुईं। उन्होंने बताया कि सर्जरी के नतीजे इतने लाजवाब हैं कि उन्होंने ऑपरेशन के महज 24 घंटे में ही उन्होंने चलना-फिरना शुरू कर दिया।