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अंग्रेजों का सिमला कब और कैसे बन गया ‘शिमला’, जानिए दिलचस्प इतिहास…

पी. चंद |

शिमला में आने के बाद अंग्रेजो को पहाड़ इतने खूबसूरत लगे कि शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी बना डाला। इसकी दूसरी वजह ये भी थी कि अंग्रेजो को शिमला अपने इंग्लैंड की तरह लगता था। लेकिन अंग्रेज शिमला के सही नाम का उच्चारण नहीं कर पाते थे।

जानिए कैसे पड़ा 'शिमला' नाम

दरअसल वे शिमला को सिमला उच्चारण करते थे। यही वजह है कि अंग्रेजों के जाने के बाद भी अंग्रेजी भाषा में शिमला को सिमला ही लिखा जाता रहा। कई धरोहर इमारतों एवम पुरानी किताबों में शिमला का नाम सिमसा ही है।  80 के दशक में हिमाचल सरकार ने इसका नाम बदलकर हिंदी में इसके बोलने के हिसाब से अंग्रेजी में भी शिमला लिखे जाने की अधिसूचना जारी की। तब से सिमला को अब शिमला लिखा पढ़ा जाता है। मान्यता तो ये भी है कि 1845 में निर्मित काली बाड़ी मंदिर जो मॉल रोड़ के पास स्थित है वह देवी श्यामला को समर्पित है उसी देवी  के नाम से शिमला नाम पड़ा था।

अंग्रेजों ने इस शहर को बसाया और संवारा

बताया जा रहा है कि शिमला को अंग्रेजों ने न केवल बसाया बल्कि सजाया और संवारा भी था। उन्होंने इसे ऐसी संस्कृति दी है जो अन्य जगहों से इसे अलग करता है। खास बात तो यह है कि अंग्रेजों ने शिमला में इंग्लैंड को जीने की कोशिश की थी। यही वजह रही कि धीरे-धीरे उन्होंने शिमला को अपनी जिंदगी के हिसाब से बदल लिया।