बहुचर्चित भूतनाथ पुल का पुनःनिर्माण का कार्य आगामी अप्रैल माह तक पूरा कर लिया जाएगा। इस बात का खुलासा बुधवार को यहां आयोजित जिला परिषद की त्रैमासिक बैठक में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने किया। जिला परिषद के उपाध्यक्ष बलजीत डोगरा और सदस्य हितेश्वर के भूतनाथ पुल को लेकर प्रश्न का उत्तर देते हुए लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता ने बताया कि पुल की निविदा प्रक्रिया पूर्ण करके स्वीकृति हेतु सरकार को भेज दिया गया है। स्वीकृति प्राप्त होने के तीन माह के भीतर पुल का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। गौरतलब है कि पुल के बन जाने से अखाड़ा में लगने वाले जाम की समस्या पूरी तरह हल हो जाएगी और लोगों को बड़ी सुविधा प्राप्त होगी।
सदस्या मंजरी नेगी द्वारा लगघाटी से दड़का नाम स्थान से कडिगंचा तक सड़क का पुनः निर्माण कार्य आरंभ करने को लेकर किए गए सवाल पर अधिशाषी अभियंता ने कहा कि इस सड़क का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा नहीं बल्कि प्रोजैक्ट द्वारा किया गया है और जब तक सड़क को विभाग को सुपुर्द नहीं किया जाता, इसका कार्य विभाग नहीं कर पाएगा। जिला परिषद अध्यक्ष द्वारा बंजार मण्डल में लोक निर्माण विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के अलावा भेडू फार्म गड़सा का ब्यौरा मांगा, लेकिन नवीनत स्थिति की जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई।
सदस्य हितेश्वर सिंह ने ढालपुर मैदान जहां कुल्लू दशहरा का आयोजन किया जाता है, की भूमि की जानकारी मांगी। साथ ही उन्होंने 2018 में मनाए गए दशहरा उत्सव के आय-व्यय का पूर्ण ब्यौरा भी मांगा। उन्होंने कलाकेन्द्र में कलाकारों के नाम व अदा की जाने वाली राशि की जानकारी के अलावा इनकी चयन प्रक्रिया सहित इनके ठहरने व भोजन पर किए गए व्यय का भी हिसाब मांगा। बैठक में स्कूल भवनों की मुरम्मत, निर्माण तथा अध्यापकों की कमी पर भी सदस्यों ने सवाल किए जिनके संबंधित अधिकारियों ने सहजतापूर्ण जबाव दिए। इसके अलावा बिजली विभाग द्वारा अधिक बिल देने को लेकर भी सदस्यों ने सवाल किए और संतोषजनक उत्तर न मिलने पर नाराजगी जताई।
अधिकारियों के बैठक में न आने पर जिला परिषद की कड़ी आपत्ति
बैठक में अनेक अधिकारियों की अनुपस्थिति पर जिला परिषद अध्यक्ष तथा सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि इतनी महत्वपूर्ण बैठक में अधिकारियों का न आना विकास कार्यों के प्रति उनकी संजीदगी को दर्शाता है। सदस्यों ने कहा कि ऐसी स्थिति में अनेक मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाती है। अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण अनेक मद्द अधूरे रह गए।