<p>उपायुक्त डा. ऋचा वर्मा ने सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों को छात्राओं के लिए पर्याप्त मात्रा में सेनेटरी नेपकिन की व्यवस्था करने और उन्हें नेपकिन के प्रयोग और मासिक धर्म के प्रति जागरुक करने के निर्देश दिए है। मंगलवार को जिला परिषद के सम्मेलन कक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए डा. ऋचा वर्मा ने ये निर्देश दिए। इस कार्यशाला में विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों को मासिक धर्म स्वच्छता, पोषण अभियान, पोक्सो एक्ट और बाल अधिकार संरक्षण पर विस्तार से जानकारी दी गई।</p>
<p>इस अवसर पर डा. ऋचा ने बताया कि जागरुकता के अभाव में महिलाओं के एक बहुत बड़े वर्ग में अभी भी मासिक धर्म को लेकर कुछ भ्रांतियां हैं। हाल ही में कुल्लू जिला में करवाए गए एक सर्वे के दौरान यह सामने आया है। कि अभी भी कई महिलाएं और किशोरियां सेनेटरी नेपकिन का प्रयोग नहीं कर रही है। यह बहुत ही चिंताजनक है, क्योंकि मासिक धर्म के दौरान सफाई का ध्यान न रखने पर महिलाओं में संक्रमण, यौन रोग, गर्भाशय का कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों की आशंका बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। उपायुक्त ने कहा कि सभी महिलाओं को सेनेटरी नेपकिन के प्रयोग के लिए प्रेरित करने के लिए कुल्लू जिला में शीघ्र ही एक व्यापक जागरुकता अभियान शुरू किया जाएगा।</p>
<p>इस अभियान के तहत प्रत्येक शिक्षण संस्थान में छात्राओं को जागरुक करने तथा सेनेटरी पैड के वितरण के लिए एक शिक्षिका या शिक्षक को नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से इन शिक्षिकाओं या शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा उनके पास ही सेनेटरी पैड का स्टॉक रहेगा। उपायुक्त ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग स्कूलों में आशा वर्कर्स के माध्यम से पैड उपलब्ध करवा रहा है। लेकिन कुल्लू जिला में अभी इसके प्रति जागरुकता का अभाव दिख रहा है। इस माह स्वास्थ्य विभाग जिला में डेढ़ लाख से अधिक सेनेटरी नेपकिन पैक उपलब्ध करवाएगा। उपायुक्त ने कहा कि पैड्स के सही निष्पादन के लिए सभी शिक्षण संस्थानों को पैड वितरण की मशीन तथा इंसिनरेटर लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने जिला के सभी निजी स्कूलों को 15 दिन में इंसिनरेटर स्थापित करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने बताया कि सरकारी स्कूलों में भी इसकी संभावनाएं तलाशी जाएंगी।</p>
<p>इस अवसर पर डा. ऋचा वर्मा ने शिक्षकों से पोषण अभियान में भी अपना योगदान देने की अपील की। उन्होंने बताया कि बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए पोषण अभियान चलाया गया है। शिक्षकों से आग्रह किया कि वे बच्चों और अभिभावकों को संतुलित आहार का महत्व समझाएं,और कहा कि बच्चों को सुबह का नाश्ता अवश्य करवाया जाना चाहिए, ताकि वे जंक फूड की ओर आकर्षित न हों। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुशील चंद्र शर्मा ने भी मासिक धर्म स्वच्छता और सेनेटरी नेपकिन वितरण पर विस्तृत जानकारी दी। उप जिला न्यायवादी पंकज धीमान ने पोक्सो एक्ट और बाल अधिकारों से अवगत करवाया। बताया कि बच्चों को यौन अपराधों से बचाने तथा उनके अधिकारों की रक्षा के लिए पोक्सो एक्ट में बहुत ही कड़े प्रावधान किए गए। इससे पहले जिला कार्यक्रम अधिकारी वीरेंद्र सिंह आर्य ने उपायुक्त, अन्य वक्ताओं तथा सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में आंगनबाड़ी कर्मचारियों के माध्यम से गांव-गांव में किशोरियों और महिलाओं को जागरुक किया जा रहा है। प्रतिभागियों को पोषण अभियान और महिला एवं बाल विकास विभाग की अन्य योजनाओं की जानकारी भी दी।</p>
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