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कुल्लू: 4379 आपात परिस्थियों में मौके पर पहुंची 108 एंबुलेंस सेवा

समाचार फर्स्ट डेस्क |

मंगलवार को राष्ट्रीय एंबुलेंस सेवा की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए एडीएम अक्षय सूद ने बताया कि टॉल फ्री नंबर 108 पर उपलब्ध राष्ट्रीय एंबुलेंस सेवा कुल्लू जिला में भी सराहनीय सेवाएं उपलब्ध करवा रही है। कुल्लू में इस साल पहली जनवरी से 30 जून तक कुल 4379 आपात परिस्थितियों में यह निशुल्क एंबुलेंस सेवा मौके पर पहुंची और कई लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित हुई। उन्होंने बताया कि कुल्लू जिला में अभी राष्ट्रीय एंबुलेंस सेवा के तहत विभिन्न स्वास्थ्य खंडों में कुल 11 एंबुलैंस तैनात हैं। इनमें से दो गाड़ियां इंटर फैसिलिटी ट्रांसफर यानि रैफर किए गए मरीजों के लिए क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू और नागरिक अस्पताल आनी में विशेष रूप से तैनात हैं।

 एडीएम ने बताया कि जिला में अब बड़ी संख्या में लोग इस सेवा का लाभ उठा रहे हैं। जिला में प्रतिदिन प्रति एंबुलेंस औसतन 3 टेलीफोन कॉल्स आ रही हैं। पिछले छह माह के दौरान एंबुलेंस कर्मचारियों ने 44 गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी मौके पर ही या एंबुलेंस में सफलतापूर्वक करवाई है। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू और भुंतर की एंबुलेंस के लिए सबसे ज्यादा मांग रहती है। उन्होंने जीवीके कंपनी के अधिकारियों को जिला के दूरदराज क्षेत्रों पर विशेष रूप से फोकस करने और आपात परिस्थितियों में इन क्षेत्रों को तत्काल एंबुलेंस उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गड़सा घाटी के मरीजों को नगवाईं के बजाय तेगूबेहड़ या कुल्लू में ही लाने का प्रयास करें।

एडीएम ने जीवीके अधिकारियों को सैंज और बंजार के लिए पुराने वाहनों की जगह नई गाड़ियों  तथा क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में एक और आईएफटी वाहन की संभावना तलाशने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान जीवीके कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक मुश्ताक अहमद ने राष्ट्रीय एंबुलैंस सेवा से संबंधित विस्तृत ब्यौरा पेश किया।  इस अवसर पर एएसपी राजकुमार चंदेल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुशील चंद्र शर्मा और अन्य विभागों के अधिकारियों ने भी महत्वपूर्ण सुझाव रखे।

बंजार बस हादसे के दौरान दी सराहनीय सेवाएं

एडीएम ने कहा कि पिछले माह बंजार में हुए दर्दनाक बस हादसे के दौरान राष्ट्रीय एंबुलेंस सेवा ने बहुत ही सराहनीय कार्य किया। हादसे की सूचना मिलते ही एक साथ कई एंबुलेंस मौके पर पहुंची। कुल 25 एंबुलेंस ने बहुत कम समय में मौके पर पहुंचकर कई लोगों की जान बचाने में मदद की। बचाव कार्यों के दौरान राष्ट्रीय एंबुलेंस सेवा के अधिकारियों ने बेहतर समन्वय के साथ कार्य करके सराहनीय योगदान दिया।