<p>क्षेत्रीय अस्पताल हमीरपुर को भले ही श्री राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज का दर्जा दे दिया है, लेकिन यहां सुविधाएं अभी भी पूरी नहीं हैं। मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की कमी के चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां पोस्टमार्टम के लिए रातभर इंतजार में बैठे तीमारदारों में गहरा रोष पनपा है। क्योंकि मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर उपलब्ध न होने के चलते शव के पोस्टमार्टम के लिए रात से दिनभर इंतजार करने पर भी पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है। </p>
<p>दरअसल, भोरंज के तरक्वाडी में एक युवक ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी। जिस पर पुलिस के द्वारा शव को हमीरपुर मेडिकल कॉलेज लाया गया, ताकि पोस्टमार्टम हो सके, लेकिन आधी रात से पोस्टमार्टम के लिए भटक रहे परिजनों को दोपहर बाद तक भी शव को नहीं ले जाने दिया गया क्योंकि, पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टर नहीं था। </p>
<p>परिजनों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिलने पर भी यहां सुविधाएं नहीं हैं जो कि गलत है। गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिलने पर भी हमीरपुर में इस तरह पोस्टर्माटम के लिए देरी होने से लोगों में चर्चा है. क्योंकि जहां सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में बेतहर काम करने के दावे कर रही है वहीं, इस तरह की घटनाएं सामने आने पर सरकार की कथनी और करनी का पता चलता है.</p>
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