एशिया की दूसरी सबसे बड़ी पौटेटो सोसाइटी की आमसभा में जमकर लात-घूंसे चले। पुलिस को हस्तक्षेप कर मामला शांत करना पड़ा। मामला गम्भीर होता देख जिला पुलिस प्रमुख राजेश धर्माणी को खुद आमसभा की बैठक में आना पड़ा। दरअसल, एलपीएस के सदस्य लंबित चार मुद्दों को लेकर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर पर कार्यवाही के लिए दबाब डालते रहे। आखिरकार एलपीएस प्रबंधन को सदस्यों के गुस्से के आगे घुटने टेकने पड़े। जिसके चलते माहौल गर्मा गया और एक दूसरे पर लात-घूंसे बरसाए और पुलिस को माहौल को शांत करने में काफी मश्क्कत करनी पड़ी।
बताया जा रहा है कि सभा में सर्वसमति से संस्था के पूर्व एमडी के कथित अनियमिताओं को लेकर पुलिस में एफआईआर दर्ज करने का प्रस्ताव पारित किया गया। जबकि एलपीएस के निदेशक मंडल को भंग करने, संस्था की मनाली स्थित तीन सितारा होटल की लीज डीड रद्द करने के साथ इसके टेंडर प्रक्रिया की जांच करने का भी प्रस्ताव पारित किया गया। वही संस्था में किसी पर्याप्त शैक्षणिक योग्यता वाले शख्स को एमडी का कार्यभार सौंपने पर भी सहमति बनी।
कारोबार के लिहाज से किसी जमाने मे अमूल के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कोऑपरेटिव सोसाइटी के रुतबा रखने वाली एलपीएस आज कर्ज के बोझ तले दब गया है। संस्था पर सदस्यों की और से लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगते आए हैं। किसानों का आरोप है कि आज तक हर बार सभा की वार्षिक बैठक किसानों की बात को प्रबंधन नजरअंदाज करता आ रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब सदस्यों के दबाब पर प्रबंधन को किसानों की हर मांग के आगे घुटने टेकने पड़े।
किसानों की तरफ से जिप सदस्य एवं जनजातीय युवा मंच के जिला अध्यक्ष सुदर्शन जस्पा ने लंबित चार मांगों को लेकर एलपीएस प्रबंधन को जमकर खिंचाई की। जस्पा ने कहा कि जब पूर्व एमडी के खिलाफ विभागीय जांच में कथित घोटाले की बात सामने आ चुकी है इसके बाबजूद प्रबंधन अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नही करवा रही है। होटल चंद्रमुखी को बिना टेंडर प्रक्रिया के ठेकरदार को क्यों कैदियों के भाव लीज पर दिया गया।