<p>प्राकृतिक खेती खुशाल किसान योजना पर कृषि विभाग काजा (आत्मा परियोजना) द्वारा डनखर गांव में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण शिविर में एसपीएनएफ ट्रेनर एवं प्रगतिशील किसान आंगदुई ने धन जीवामृत, जीवामृत एवं बीजामृत के फायदे किसानों को बताएं । उन्होंने बताया कि इस तरह से जैविक खेती को अपनाकर आज किसान अपनी फसल को भयंकर बीमारियां लगाने से बचाया जा सकता है । इसके साथ ही अपनी आय में भी वृद्धि की जा सकती है।</p>
<p>शिक्षण शिविर में खंड तकनीकी प्रबंधक सुजाता ने प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना में विभाग द्वारा किए जा रहे कार्य व सहयोग के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी रखी। उन्होंने कहा कि आज किसान रासायनिक दवाओं का इस्तेमाल करके फसल अधिक उगाने की ओर अग्रसर है । लेकिन इस वजह से जहां भूमि की उपजाऊ दर में कमी आ रही है। बल्कि उगने वाली फसल से कई बीमारियां इंसानों तक पहुंच रही है ।</p>
<p>स्पीति क्षेत्र में लोग बरसों से प्राकृतिक खेती जैविक खेती को करते आ रहे हैं । लेकिन की जगह अब रासायनिक उत्पादों का इस्तेमाल धीरे-धीरे बढ़ रहा है । क्षेत्र में फिर से जैविक खेती और प्राकृतिक खेती बड़े इसके लिए विभाग किसानों को जागरूक कर रहा है और उन्हें प्रशिक्षण भी दे रहा है । इस प्रशिक्षण शिविर में उनके साथ एटीएम संज्ञा येन विशेष तौर पर मौजूद रहे। प्रशिक्षण शिविर में 35 किसानों को प्रशिक्षित किया गया।</p>
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