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लाहौल-स्पीतिः बढ़ते कुत्तों की समस्या से मिलेगी निजात, DC ने बनाई आवारा कुत्तों को गोद लेने की नीति

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लाहौल-स्पीति के उपायुक्त पंकज राय ने एक बैठक कर आवारा कुत्तों को गोद लेने के कार्यक्रम को लागू करने औऱ इसमें जनभागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कमेटी के गठन की जानकारी दी। उन्होंने  बताया कि मानव और कुत्ते के बीच संघर्ष के कारण जो परेशानियां हमें देखने को मिलती हैं उनका समाधान आवारा कुत्तों को गोद लेने की नीति को अपनाकर बड़ी आसानी से जा सकता है। साथ ही कुत्तों के साथ संवेदनात्मक एवं मित्रवत सम्बन्ध बनाने में भी सहायता मिलेगी। इसके लिए नगर परिषद शिमला की तर्ज पर एक आवारा कुत्ता गोद लेने की नीति बनाई गई है जोकि दो तरह से कुत्तों को अपनाने (गोद लेने) का विकल्प देती है। एक तो व्यक्तिगत रूप से एक कुत्ते को गोद लिया जा सकता है। व्यक्तिगत रूप से कुत्ता गोद लेने वाले व्यक्ति को प्रशासन की ओर से एक एलपीजी गैस सिलेन्डर प्रतिवर्ष मुफ़्त प्रदान किया जाएगा। इसके लिए सभी अधिकारी आर्थिक रूप से योगदान करेंगे। इन कुत्तों को मुफ़्त में एन्टी रेबीज़ टीकाकरण और वन्ध्यिकरण( स्टेरेलाइसेशन) किया जाएगा ताकि इनकी जनसंख्या पर नियंत्रण किया जा सके।

दूसरी ओर सामुदायिक रूप से भी कुत्तों को गोद लिया जा सकता है, जिसमें कि कोई भी संगठन, व्यापार मण्डल या महिला मंडल, युवक मण्डल आदि सिर्फ़ इतना सुनिश्चित करेंगे कि किसी निर्धारित स्थान पर कुत्तों के लिए खाना औऱ पानी मिलता रहे, ताकि वे अन्य स्थानों पर गन्दगी न फैलाएं। भविष्य में इन कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाये जाएंगे। कुत्तों को गोद लेने के इस कार्यक्रम को लागू करने औऱ इसमें जनभागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक कमेटी का गठन किया गया है जो इस कार्यक्रम के सफ़ल क्रियान्वयन के लिए कार्य करेगी। इस कमेटी में उपमंडलाधिकारी केलांग व उदयपुर तथा एडीएम काज़ा की अध्यक्षता में , सदस्य सचिव उप-निदेशक पशुपालन विभाग, खण्ड  विकास अधिकारी  होंगे। कमेटी की बैठक मासिक रूप से होगी।

पंकज राय ने कहा कि पशुपालन विभाग शीघ्र ही सर्वेक्षण कर के आवारा कुत्तों की सही संख्या से संबंधित जानकारी कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करेगा। इस प्रकार से गोद लिए जाने वाले कुत्तों का टीकाकरण भी विभाग मुफ़्त में करेगा। अगले वर्ष  (एबीसी) एनिमल वर्थ कण्ट्रोल कार्यक्रम चलाया जाएगा, जिसमें सभी कुत्तों का स्टेरॉइज़शन किया जाएगा ताकि कुत्तों के जन्म पर नियंत्रण हो सके। उन्होंने बताया कि ज़िले में सभी पालतू कुत्तों का पंजीकरण आवश्यक करना भी आवश्यक होगा। उन्होंने लोगों से भी कुत्तों को गोद लेने का आहवान किया  है, ताकि इससे क्षेत्र साफ़ सुथरा रहेगा, कुत्तों की देखभाल के साथ-साथ उनकी संख्यावृद्धि पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा।