<p>संगठन भले ही बड़ा हो या छोटा लाभ के लिए हो अथवा गैर-लाभ वाला, सेवा प्रदान करता हो अथवा विनिर्माण कर्ता आज प्रबंधन सभी के लिए आवश्यक है। इसी संदर्भ में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय की ओर से सोमवार को एमबीए विभाग द्वारा एकेडेमिक्स डीन प्रो. कुलदीप कुमार ने 'ग्राहक प्रबंधन को समझना' विषय पर वेबिनार के माध्यम से अतिथि व्याख्यान का आयोजित किया गया। देश के जानेमाने मार्केटिंग गुरु व इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट इंदौर (आईआईएम इंदौर ) के पूर्व छात्र शशांक झा ने बतौर अतिथि व्याख्याता एमबीए, बीकॉम के छात्रों सहित विश्वविद्यालय के सभी छात्रों से ग्राहक प्रबंधन को लेकर और उत्पादन से लेकर प्रोडक्ट सहित मार्केटिंग के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार सांझाकर एक सफल प्रबंधक, सफल व्यवसायी, एक सफल उद्यमी और एक सफल समाज सेवक बनने के टिप्स दिए। </p>
<p>इस वर्चुअल वेबिनार में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के छात्रों सहित दूसरे विश्वविद्यालयों व कॉलेजों के छात्रों ने अपनी उपस्थिति दर्जकर मार्केटिंग गुरु शशांक झा के व्याख्यान को सुना और मार्केटिंग प्रबंधन में सफल होने संबंधी टिप्स लेकर सफल प्रबंधक बनने में अपनी अपनी दिलचस्पी दिखाई। मार्केटिंग गुरु शशांक झा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज की तारीख में सुव्यवस्थित प्रबंधन की जरूरत हर क्षेत्र में है चाहे प्रोडक्ट मार्केटिंग हो चाहे मीडिया को क्षेत्र हो। </p>
<p>एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश कुमार चौधरी ने मार्केटिंग गुरु शशांक झा का स्वागत करते हुए कहा कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के लिए यह बड़े गर्व की बात है कि देश के जानेमाने मार्केटिंग गुरु के नाम से विख्यात शशांक झा विश्वविद्यालय के छात्रों से रूबरू हुए और उन्हें शिक्षा के साथ-साथ कुशल प्रबंधन के लिए प्रबुद्ध किया। कुलपति चौधरी ने कहा कि लॉकडाउन से लेकर कोविड-19 के इस संकटकाल में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय छात्रों के ज्ञानवर्धन के लिए सौ से अधिक वर्चुअल अतिथि व्याख्यान करवा चुका है जिसमें हर क्षेत्र में महारत हासिल व्यक्तित्व भाग ले चुकें हैं और अब इसी व्यख्यान माला में देश के जानेमाने मार्केटिंग गुरु शशांक झा का नाम विश्वविद्यालय की अतिथि व्याख्यान माला में शामिल हो गया है। </p>
<p>मार्केटिंग गुरु शशांक झा ने जो दिखता है, वो बिकता है वाले मार्केटिंग कॉन्सेप्ट पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अब परंम्परागत मार्केटिंग के तौर-तरीके बदल गए हैं अब टेक्नोलॉजी और डिजिटल युग में उत्पाद मार्केटिंग घर द्वार पहुंच रही है और इस वर्तमान कोविड काल में यह और अधिक प्रासांगिक हो गया है ताकि ग्राहकों को सुलभ तरीके से कंपनियों व संगठनों के उत्पाद से लाभ लें सकें। उन्होंने इस बात पर अधिक बल देते हुए कहा कि आज के दौर में ग्रामों के उत्थान के लिए ग्रामीण मार्केटिंग बहुत आवश्यक हो गई है ताकि ग्रामीणों को सरकारी सेवाओं से लेकर कंपनियों व समाज सेवी संस्थाओं के अच्छे प्रोडक्टों व सेवाओं से अधिक से अधिक लोग परिचित होकर लाभांवित हों सकें। मार्केटिंग गुरु शशांक झा ने छात्रों को अच्छे प्रबंधन के साथ साथ समाज की जरूरतों के प्रति संवेदनशील, नेतृत्व और राष्ट्र व व्यक्ति-सामूहिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु अपना श्रेष्ठतम योगदान दें। </p>
<p>व्यख्यान की समाप्ति के पश्चात डीन एकेडेमिक्स प्रो. कुलदीप कुमार ने मार्केटिंग गुरु शशांक झा का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस व्यख्यान से छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ प्रबंधन की नई -नई तकनीक सीखकर मार्केटिंग में अपना बेहतर भविष्य बनाएं और समाजहित में अपना श्रेष्ठ योगदान भी दें। प्रो. कुलदीप कुमार ने कहा कि मार्केटिंग को बिज़नेस की दृष्टि से न देखें बल्कि यह राष्ट्रहित और समाजहित में किया जाने वाला कार्य है और साथ में रोज़गार का जरिया भी है। </p>
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