किसानों के समर्थन में बुलाए गए भारत बंद का हिमाचल सहित राजधानी शिमला में व्यापक असर नहीं देखने को मिला। शिमला सहित प्रदेश के बाजार खुले रहे, वाहनों की आवाजाही जारी रही। वामपंथी संगठनों ने जरूर धरने प्रदर्शन किए लेकिन उनका भी बड़ा असर नहीं हुआ। शिमला के विक्ट्री टनल में वामपंथी संगठनों ने एकत्रित होकर चक्का जाम किया और मोदी सरकार के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की। कांग्रेस ने भी प्रदेश की कई हिस्सों में आंदोलन किया। उन्होंने अपने कार्यालय से कुछ दूर लिफ्ट के पास सड़क पर धरना दिया और आधे घंटे तक चक्का जाम किया।
हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप तंवर ने कहा कि जो कानून सरकार लाई है वह किसान और बागवान विरोधी है। इसलिए हिमाचल का किसान इसका विरोध कर रहा है। हिमाचल किसान और बागवान किसानों का समर्थन करने दिल्ली कूच कर रहे हैं। कई जत्थे दिल्ली चले गए हैं कई जा रहे हैं। किसान अपने आप को अडानी अम्बानी के हाथों नही बिकने देंगे। वहीं, कांगड़ा के टांडा में मज़दूर कर्मियों ने सीटू के आह्वान पर आज किसानों के समर्थन में भारत बंद में सहयोग दिया। साथ ही अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया।
कांग्रेस प्रदेशअध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सरकारी नियमों का पालन करते हुए 50 से कम लोगों के साथ प्रदर्शन किया है। लेकिन कांग्रेस पार्टी किसानों के आंदोलन में उनके साथ है। मोदी सरकार किसानों के ख़िलाफ़ कानून बनाकर पूंजीपतियों को फ़ायदा पहुंचाने में लगी है।